पेट्रोल-डीजल के बढ़ती कीमतों से देशभर में खलबली मची हुई है। प्रतिदिन अख़बारों में ये खबर लगभग अनिवार्य हो गई है कि आज फिर से पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़े। महंगे होते तेल ने आम जनता को उसके कई तरह के खर्च रोकने पर मजबूर कर दिया है।

इसी को लेकर स्थानीय मंच ‘लोकल-सर्कल्स‘ ने कई सर्वें किये हैं। उसमें यही बात सामने आई है कि पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों ने आम आदमी को अपने खर्च कम करने और यहाँ तक कि सार्वजानिक परिवहन में चलने पर मजबूर कर दिया है।

इस सर्वे में 30 प्रतिशत लोगों ने बताया है कि उन्होंने अपने रोज़मर्रा के कई खर्चों को बंद कर दिया है क्योंकि तेल की कीमतें आसमान छू रही हैं। 8 प्रतिशत ने कहा है कि उन्होंने अभी तक तो अपने अन्य खर्च नहीं घटाएँ हैं लेकिन अगर दाम ऐसे ही बढ़ते रहे तो उन्हें जल्द ही खर्चों में कटौती करनी पड़ेगी।
>वहीं, 11 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि उन्होंने सार्वजानिक परिवहन में चलना शुरू कर दिया है क्योंकि वो अब इतना महंगा पेट्रोल-डीजल नहीं खरीद सकते।<
गौरतलब है कि पेट्रोल-डीजल की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही है। आज भी पेट्रोल के दामों में 6 पैसे का बढ़ावा हुआ है। इसके बाद दिल्ली में पेट्रोल 82.22 रुपये प्रति लीटर और डीजल  78.87 रुपये प्रति लीटर हो गया है। वहीं, मुंबई में पेट्रोल 89.60 रुपए प्रति लीटर और डील 78.42 रुपए प्रति लीटर की दर से मिल रहा है।

इस साल पेट्रोल-डीजल के दामों में 11 रुपए से ज़्यादा की बढ़ोतरी की जा चुकी है। इस बढ़ोतरी का मुख्य कारण केंद्र सरकार द्वारा लगाई जाने वाली एक्साइज ड्यूटी यानि की टैक्स है।

2013 में सरकार एक लीटर पेट्रोल पर 9.48 रुपए का टैक्स लगाती थी लेकिन मोदी सरकार ने इसे 105% बढ़ाते हुए 19.48 रुपए कर दिया है। पेट्रोल के मुकाबले डीजल पर टैक्स और ज़्यादा बढ़ाया गया है। 2013 में डीजल दिल्ली में डीजल के दाम 52.54 रुपए थे जबकि आज ये 71.15 रुपिए हो गए हैं।

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