PM मोदी 17 सितंबर को अपना 68वां जन्मदिन मनाने वाराणसी पहुंचे थे। अगले दिन यानी 18 सितंबर को मोदी का एक कार्यक्रम बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के एम्फीथिएटर मैदान में आयोजित किया गया था।

मीडिया रिपोर्ट और राजनीतिक सूत्रों की माने तो लोकसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने के पहले की यह उनकी अंतिम सभा थी।

इस कथित अंतिम सभा में जो हुआ वो पीएम मोदी को बहुत परेशान करने वाला है। पीएम अपने निर्धारित समय से 1 घंटा लेट पहुंचे। सभा का समय सुबह 10 बजे निर्धारित किया गया था, जिसे बाद में 10:30 तक बढ़ा दिया गया लेकिन पीएम पहुंचे 11:014 बजे।

भागवत ने कहा- आज़ादी की लड़ाई में कांग्रेस ने निभाई बड़ी भूमिका, पत्रकार बोलीं- अब ‘पात्रा’ का क्या होगा?

10:30 बजे पीएम ने भाषण देना शुरू किया, जो 12:22 बजे तक चला। लेकिन इस बीच जो हुआ उसने प्रधानमंत्री के पसीने छुड़ा दिए। पीएम मोदी का भाषण शुरू होने के महज 10-12 मिनट बाद ही पंडाल धीरे-धीरे खाली होने लगा। प्रधानमंत्री बोलते रहे जनता निकलती रही।

दरअसल मोदी ने जैसे ही अपने प्रारंभिक संबोधन के बाद चार साल की उपलब्धियों को गिनाना शुरू किया, जनता खिसकने लगी। पहले पंडाल में पीछे बैठे लोगों ने झुंड में निकलना शुरू किया। पीछे की कुर्सियां खाली होती रहीं। लेकिन हद तो तब हो गई जब अग्रिम पंक्ति में बैठे लोग का जत्था भी उठकर जाने लगा।

हालत ये हो गई कि प्रधानमंत्री को अपने भाषण के बीच में लोगों से अपील करना पड़ा कि ”बैठ जाओ भैया” ”बैठ जाओ भैया” पीएम ने अपने एक घंटे के भाषण में इस वाक्य को तीन बार दोहराया लेकिन जनता पर कोई असर नहीं पड़ा। शायद जनता अब जुमले सुनने में अपना वक्त बर्बाद नहीं करना चाहती।

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि पीएम का चेहरा हताशा से भरा हुआ था। वो बार बार अपने माथे का पसीन पोछते रहे। बार बार पानी पीते रहे। बीच-बीच में हाथ भी जोड़ते रहे।

DU President की ‘डिग्री’ निकली फर्जी! कन्हैया बोले- भाजपा का उसूल है जितना बड़ा नेता, उतनी फ़र्ज़ी डिग्री

कुछ साल पहले तक जिस प्रधानमंत्री की लोकप्रियता की तुलना इंदिरा गांधी और नेहरू से की जाती थी, आज उनके संसदीय क्षेत्र की जनता उन्हें सुनना नहीं चाहती। ऐसा क्या हो गया पिछले चार सालों में? अब इसका जवाब तो जनता ही 2019 में देगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here