आज तक पर शाम 6 बजे प्रसारित होने वाले ‘हल्ला बोल’ में कल यानी 19 सितंबर का टॉपिक था ‘इमरान का सरदार, देश का गद्दार?’ प्रश्नवाचक चिह्न को ढाल बनाकर आजतक को जो कहना था उसने कह दिया।

जी न्यूज ने तो आज तक से चार कदम आगे बढ़करजब मीडिया की निष्पक्षता के बारे में पढ़ाया जाता है, तब एक टर्म इस्तेमाल होता है ‘We Report You Decide’ इसका मतलब ये होता है कि पत्रकार ख़बर की पूरी जानकारी, तथ्य आदि देगा और दर्शक या पाठक उसी आधार पर अपनी राय बनाएगा।

लेकिन भारतीय गोदी मीडिया ने इस टर्म को शीर्षासन करा दिया है। ये मीडिया किसी खबर की पूरी जानकारी, तथ्य नहीं देता लेकिन अपना जजमेंट जरूर दे देता है। दर्शकों को खुद से कोई राय बनाने का मौका ही नहीं मिल रहा क्योंकि गोदी मीडिया अपनी राय थोप रहा है।

गोदी मीडिया खबरों को जिस तरह परोस रहा है उसे Spoon Feeding नहीं जबरन ठूसना कहते हैं। अगर आंख बंद करके न्यूज चैनल सुना जाए तो न्यूज एंकर और सुप्रीम कोर्ट के जज में फर्क मालूम करना मुश्किल हो जाएगा। मीडिया Labeling इतनी खतरनाक हो चुकी है कि कब उमर खालिद जनता की नजरों में छात्र से आतंकवादी बन जाता है पता ही नहीं चलता।

अब ऐसी ही Labeling कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू के साथ की जा रही है। दरअसल सिद्धू के पाकिस्तान जाने और वहां के सेना अध्यक्ष से गले मिलने पर विवाद हो गया है। अब मीडिया अपनी पूरी उर्जा सिद्धू को पाकिस्तानी और ISI ऐजेंट घोषित करने में खर्च कर रही है।

खासकर जी न्यूज और आजतक ने तो मोर्चा ही खोल दिया है। प्रश्नवाचक चिह्न के साथ इन दोनो मीडिया संस्थानों ने सिद्धू के लिए वो सब लिख दिया जिससे कांग्रेस को बदनाम किया जा सकता है। जाहिर है कांग्रेस की बदनामी बीजेपी के लिए फायदेमंद साबित होती है।

लिख दिया ‘ISI के प्लान खालिस्तान में फंस गए सिद्धू?’ इसमे भी प्रश्नवाचक चिह्न ढाल मात्र है। ढाल मात्र इसलिए है क्योंकि जी न्यूज के पास अपनी बात को साबित करने के लिए कोई तथ्य नहीं है, इसलिए प्रश्नवाचक चिह्न लगाकर मन की बात कही जा रही है।

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