केंद्र सरकार को प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिन पर आर्थिक झटका मिला है। वैश्विक इन्वेस्टमेंट बैंकिंग कंपनी गोल्डमैन सैक्स ने भारत की रेटिंग को घटा दिया है।

ये एक अंतर्राष्ट्रीय कंपनी है जो पूरे विश्व में निवेश की स्थिति बताती है। यानि कि कहा पैसा निवेश करने में कम खतरा होगा या इस लिहाज़ से किस देश की आर्थिक स्थिति बेहतर है।

इन्वेस्टमेंट बैंकिंग कंपनी ने 2014 के बाद पहली बार ये रेटिंग घटाई है। भारत की रेटिंग को साल 2014 में दिए गए ‘ओवररेट’ से घटकार इस साल 2018 के लिए ‘मार्केटवेट’ कर दिया है।

कंपनी ने कहा है कि हाल ही में भारत के वैल्युएशन और परफॉरमेंस को देखते हुए हमने अपने इन्वेस्टमेंट के नजरिए को ओवररेट से घटाकर को मार्केटवेट कर दिया गया है। मौजूदा समय में भारतीय इक्विटी बाजार अधिक जोखिम भरा है।

दरअसल, 2014 में सत्ता में आई मोदी सरकार के विकास के दावें और उनके लिए शुरू करने वाली नीतियों के कारण गोल्डमैन सैक्स ने रेटिंग को बढ़ाया था। लेकिन जितना भरोसा था उसके मुकाबले रिटर्न काफी कम मिला।

बीते पांच साल में निफ्टी में 14% की तेजी देखने को मिली है लेकिन इससे होने वाला कुल कमार्इ केवल 5% ही रहा है। मार्केट फ्लो पर कंपनी ने कहा कि लगातार चार माह से फ्लो में कमी आर्इ है।

कंपनी ने रेटिंग घटाने के कारण बताते हुए कहा है कि आने वाले दिनों में भारत में होने वाले लोकसभा चुनाव के पहले घरेलू शेयर बाजार में हलचल रहेगी। देश का राजकोषीय घाटा भी बढ़ता जा रहा है।

यानि सरकार के खर्च और टैक्स वसूली के बीच का अंतर बढ़ता जा रहा है। साथ ही बढ़ते कच्चे तेल के दाम और भारत में गिरते निवेश को भी कारण बताया गया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here