राफेल डील पर भले बीजेपी सफाई पर सफाई दे रही हो। मगर हर रोज नए सवालों से डील में गड़बड़ी नज़र आने लगी है, ऐसा सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि फ़्रांस में भी हो रहा है।

अख़बार ने लिखा, ये हैरान करने वाला है कि भारत में एचएएल के पास रक्षा क्षेत्र में मैन्यूफैक्चरिंग का 78 साल का अनुभव रखने वाली कंपनी को छोड़ एक नई कंपनी को करार किया गया। फ़्रांस के प्रमुख अख़बार की इस टिप्पणी पर एक बार फिर विपक्ष ने मोदी सरकार सवाल खड़े किये है।

आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा, अब तो फ्रांस की मीडिया भी बोल रही है, “चेहरे पर जो लाली है राफ़ेल की दलाली है।

गौरतलब हो की अखबार ने यह भी दावा किया कि प्रधानमंत्री की इस यात्रा में शामिल कारोबारियों में अनिल अंबानी भी मौजूद थे। इसके साथ ही अखबार ने राफ़ेल डील की तुलना बोफोर्स डील से की है।

फ्रांस 24 ने लिखा कि मौजूदा परिस्थिति में साफ है कि राफेल डील भारत के आगामी आम चुनावों में ठीक वही भूमिका अदा कर सकता है जो 1980 के दशक में बोफोर्स डील ने किया था।

बता दें कि राफेल डील पर लगातार कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल इसे रक्षा क्षेत्र का अबतक सबसे बड़ा घोटाला बता रहे है।

वहीँ बीजेपी इस मामले पर सफाई देती नज़र आ रही है कि डील में कोई भी गड़बड़ी नहीं हुई बल्कि पिछली सरकार द्वारा तय किये दामों से 20 प्रतिशत कम में ही इस डील को फाइनल किया गया है।

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