पेट्रोल-डीज़ल की बढ़ती कीमतों को लेकर केंद्र की मोदी सरकार बुरी तरह से घिरी हुई है। विपक्ष एकजुट होकर देशभर में तेल की बढ़ती कीमतों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहा है। ऐसे में मोदी सरकार इससे बचने के लिए नए-नए हथकंडे अपनाती नज़र आ रही है।

बीजेपी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक इंफोग्राफिक्स चार्ट पोस्ट किया है। इस चार्ट में भाजपा ने यूपीए में हुई पेट्रोल वृद्धि को वर्तमान बढ़ोतरी से ज्यादा दिखाया है। चार्ट में बताया गया कि 2009 से 2014 तक यूपीए सरकार में डीज़ल की कीमत 83.7 फीसदी बढ़ी। 30.86 रुपए से बढ़कर दाम 56.71 रुपए तक पहुंच गए।

इसके उलट चार्ट में बताया गया कि 16 मई 2014 से 10 सितंबर 2018 तक भाजपा शासनकाल में 28 फीसदी ही बढ़ोतरी हुई। 56.71 रुपए से बढ़कर डीजल की कीमत 72.83 रुपए पहुंची। चार्ट पोस्ट किए जाने के बाद बीजेपी को सोशल मीडिया पर कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा।

इस चार्ट को लेकर लोगों ने बीजेपी को जमकर ट्रोल किया। लोगों ने बीजेपी की समझ और गणित दोनों पर सवाल खड़े किए।

सिड नाम के वैरीफ़ाइड हैंडल ने चार्ट को पोस्ट करते हुए लिखा, “यह किसने किया? अमित मालवीय या शहज़ाद पूनावाला ने? मज़ाक से हटकर, यह पार्टी भारतीय अर्थव्यवस्था को देखती है। यह हमारे लिए काफी भयावाह होना चाहिए”।

आम आदमी पार्टी नेता अंकित लाल ने इसपर तंज़ कसते हुए लिखा, “भाई अमत मालवीय क्या फूंक रहे हो आजकल”। इसके साथ ही दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा, “कौन हैं ये लोग, कहाँ से आते हैं? भगवान जाने, ये लोग देश कैसे चलाते हैं”।

कई यूज़र्स ने इसे जियो यूनिवर्सिटी से जोड़ते हुए कहा कि इस चार्ट को जिसने बनाया है वह उत्कृष्ठ संस्थान का दर्जा दिए दाने वाली जियो यूनिवर्सिटी से पढ़ा है। कई यूज़र्स ने इसे इन्टायर पॉलिटिकल साइंस की तरह इन्टायर मैथमेटिक्स बताया।

बीजेपी की ओर से पेश किया गया यह चार्ट पार्टी के करीबी कहे जाने वालों को भी समझ नहीं आया। लेखक चेतन भगत ने इसपर सवाल उठाते हुए कहा, “ख़ुद का मक़सद साधने वाला ट्वीट? मुझे कीजिए, मुझे यह ग्राफ़ समझ नहीं आया। क्या आप बता सकते हैं कि क्यों पीली पट्टी आकार में छोटी है जबकि मूल्य में ज़्यादा है”।

हालांकि चार्ट को ध्यान से देखने पर पता चलता है कि बीजेपी ने कीमत में सीधी बढ़ौतरी के प्रतिशत को दिखाया है। जिसके हिसाब से यह चार्ट काफी हद तक सही भी है। लेकिन इस चार्ट में बीजेपी ने बड़ी चालाकी से कच्चे तेल की कीमत को ग़ायब कर दिया है।

कांग्रेस ने बीजेपी की इस हरकत पर पलटवार किया है। कांग्रेस ने चार्ट में कच्चे तेल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी का ब्योरा जोड़ते हुए बताया कि 16 मई 2009 से लेकर 16 मई 2014 तक कच्चे तेल की कीमतों में 84 फीसदी बढ़ोतरी हुई थी। तब पेट्रोल की कीमत 40.62 रुपए से बढ़ाकर 71.41 रुपए की गई।

मोदी सरकार के कार्यकाल 16 मई 2014 से 10 सितंबर 2018 में पेट्रोल की कीमत 71 रुपए से बढ़ाकर 80 के पार कर दी गई, जबकि इस दौरान कच्चे तेल की कीमत में 34 फीसदी गिरावट हुई। 107 डॉलर प्रति बैरल से तेल सीधे 71 डॉलर प्रति बैरल हो गया।

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