भारतीय बैंकों को हज़ारों करोड़ का चूना लगाने वाले विजय माल्या ने वित्त मंत्री अरुण जेटली पर बड़ा आरोप लगाया है। माल्या ने कहा कि भारत छोड़ने से पहले उसने मामला सुलझाने के लिए वित्त मंत्री से मुलाकात की थी।

वेस्टमिंस्टर में प्रत्यर्पण की सुनवाई के बाद माल्या ने कोर्ट के बाहर कहा, “भारत छोड़ने से पहले मामले के निपटारे के लिए मैं वित्त मंत्री से मिला था। मैंने बैंकों के साथ मामला सुलझाने के लिए दोबारा ऑफर भी दिया था। बैंकों ने निपटारे के प्रस्ताव वाली मेरी चिट्ठियों पर आपत्ति दर्ज की थी।”

विजय माल्या के इस बयान के बाद बीजेपी को कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। विपक्षी दल के नेता इस मामले को लेकर लगातार बीजेपी पर हमलावर हैं। विपक्षी दल के नेताओं के साथ ही अब बीजेपी के अपने नेता ने भी इसपर संदेह ज़ाहिर किया है।

बीजेपी सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने इस मसले पर ट्वीट कर कई सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा, “विजय माल्या के देश से भागने से जुड़े अब दो फैक्ट हमारे सामने हैं, जिससे कोई इनकार नहीं कर सकता है।

पहला-24 अक्टूबर, 2015 को माल्या के खिलाफ जारी लुकआउट नोटिस को ‘ब्लॉक’ से ‘रिपोर्ट’ में बदल दिया गया। जिसकी मदद से विजय माल्या 54 लगेज आइटम लेकर भागने में फरार हुआ”।

स्वामी ने जेटली पर सीधा आरोप लगाते हुए दूसरा फैक्ट बताया, “विजय माल्या ने संसद के सेंट्रल हॉल में वित्त मंत्री अरुण जेटली को बताया था कि वह लंदन के लिए रवाना हो रहा है”।

बता दें कि इससे पहले भी स्वामी इस मसले पर अपनी सरकार को घेर चुके हैं। इसी साल जून में उन्होंने ट्वीट कर लिखा था, “माल्या भारत छोड़ ही नहीं सकते थे, क्योंकि उनके खिलाफ कई नोटिस एयरपोर्ट्स पर लगे थे।

फिर वो दिल्ली आये और किसी शक्तिशाली शख्स से मुलाकात की और उनके विदेश प्रस्थान करने से पहले सारे नोटिस एयरपोर्ट से हटा लिए गए। आखिर कौन था वो शख्स? जिसने उसे जाने दिया”?

गौरतलब है कि मार्च 2016, में विजय माल्या भारत छोड़कर भागे थे। उस समय वित्त मंत्री अरुण जेटली ही थे। उस वक्त कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी आरोप लगाते हुए कहा था कि माल्या भारत छोड़ने से पहले वरिष्ठ भाजपा नेता से मिले थे।

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