विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने देशभर के विश्वविद्यालयों और उच्चतर शिक्षण संस्थानों को ‘सर्जिकल स्ट्राइक दिवस’ मनाने का निर्देश दिया है।

मोदी सरकार पर आरोप है कि वो अपने राजनीतिक एजेंडे को फ़ैलाने के लिए सरकारी मशीनरी का अनैतिक रूप से उपयोग कर रहे हैं। और अब इसमें उन्होंने शिक्षा संस्थानों को भी नहीं बख्शा है।

विश्वविद्यालयों और उच्चतर शिक्षण संस्थानों को ‘सर्जिकल स्ट्राइक दिवस’ मनाने का निर्देश देने के बहाने मोदी सरकार युवाओं को अपनी ओर खींचना चाह रही है।

क्योंकि सालाना दो करोड़ रोजगार नहीं दिए जाने और लगातार शिक्षण संस्थानों पर हो रहे हमले को लेकर देश के युवा मोदी सरकार नाराज़ हैं। मोदी सरकार और भाजपा के खिलाफ युवाओं की नाराज़गी अक्सर सड़कों पर विरोध करते दिख जाती है।

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मोदी सरकार के इस फैसले का अब चारों ओर विरोध हो रहा है। लोग सर्जिकल स्ट्राइक दिवस मनाने की तुलना बिरयानी से करने लगे हैं। सोशल साईट ट्विटर पर एक यूजर ने लिखा है कि,

“यूजीसी को चाहिए कि मोदी जी के द्वारा चुपके से पाकिस्तान जा कर बिरयानी खाने वाले दिन का संज्ञान लेकर सारे विश्वविद्यालयों में ‘बिरयानी डे’ मनाये जाने का आह्वान जारी करे। मोदी के मूर्ख संघी भक्तों के अंदर राष्ट्रीयता जगाने का यही एकमात्र उपाय है।”

#UGC को चाहिए कि मोदी जी के द्वारा चुपके से पाकिस्तान जा कर बिरयानी खाने वाले दिन का संज्ञान ले कर सारे विश्वविद्यालयों में
“बिरयानी डे”
मनाए जाने का आह्वान जारी करे।

मोदी के मूर्ख संघी भक्तों के अंदर राष्ट्रीयता जगाने का यही एकमात्र उपाय है।

यही नहीं 2017 के उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी की सेना की वर्दी और सर्जिकल स्ट्राइक के नारे के साथ लगे पोस्टर से लेकर आज शिक्षण संस्थानों में इसका जश्न मनाने का आदेश देना दिखाता है कि देश की राजनीति को किस तरफ मोड़ा जा रहा है।

जब सरकार के पास खुद अपनी कोई उपलब्धि नहीं है तो वो सेना के काम का श्रेय लेने में लगी है। इसके आलावा पीएम मोदी और भाजपा सेना को अपनी राजनीती के लिए इस्तेमाल करती रही है।

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यूजीसी के पत्र में कहा गया है, “सभी विश्वविद्यालयों की एनसीसी यूनिट्स को 29 सितंबर को विशेष परेड का आयोजन करना चाहिए, जिसके बाद एनसीसी के कमांडर सरहद की रक्षा के तौर-तरीकों के बारे में उन्हें संबोधित करें।

यानि सेना को अब सीमा से हटाकर सरकार के काम में विश्वविद्यालयों में लाया जाएगा और राजनीती की जाएगी!

बता दें, कि 29 सितंबर 2016 को भारतीय सेना ने एक गुप्त ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान की सीमा में मौजूद आतंकी संगठनों के अड्डों पर हमला कर उन्हें काफी क्षति पहुंचाई थी।

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