दिवाली के मौके पर जहां प्राइवेट कंपनियां अपने कर्मचारियों को बोनस देकर उनको बड़ी राहत देती हैं, वहीं यूपी की योगी सरकार अपने कर्मचारियों को दिवाली के मौके पर झटका देती नज़र आ रही है। सरकार ने दिवाली से ठीक पहले 25 हज़ार होमगार्ड्स को बेरोज़गार कर दिया है।

योगी सरकार ने सोमवार को बजट का हवाला देकर 25 हज़ार होमगार्ड्स की ड्यूटी खत्म कर दी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस के बराबर वेतन किए जाने के बाद बजट का भार बढ़ गया। इसे बैलेंस करने के लिए होमगार्ड्स की छंटनी हुई है।

दिवाली के पहले योगी ने हजारों घरों में किया अंधेरा! 25 हज़ार होमगार्ड्स की नौकरी छीनी

इस संबंध में एडीजी पुलिस मुख्यालय वीपी जोगदंड ने आदेश जारी किया है। बता दें कि 28 अगस्त को मुख्य सचिव की बैठक में ड्यूटी समाप्त करने का फैसला लिया गया था। अब तक 40 हजार होमगार्ड्स की ड्यूटी समाप्त की जा चुकी है।

इस मामले को लेकर समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता डॉ अनुराग भदौरिया ने सूबे की योगी सरकार पर ज़ोरदार हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “दीपावली पर अयोध्या में लाखों दीप जलाये जायेंगे अच्छी बात है। लेकिन यूपी सरकार ने 25000 होमगार्ड की नौकरी ख़त्म करके उनके घर के दीप बुझा दिये। सुनो सरकार ये भगवान राम के बच्चे है। और जो उनके बच्चों को तकलीफ़ देता है भगवान राम उसे स्वीकार नहीं करते हैं”। 

ग़ौरतलब है कि ये सभी होम गार्ड पुलिस महकमें के बजट पर भर्ती किए गए थे और अलग-अलग विभागों में अपनी सेवाएं दे रहे थे। यूपी पुलिस अब तक सूबे में कानून व्यवस्था को कायम रखने के लिए होमगार्ड्स के जवानों की मदद ले रही थी, लेकिन अब इनकी ड्यूटी को समाप्त कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि ये फैसला इनके वेतन को बढ़ाए जाने के चलते लिया गया है।

पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट  ने यूपी के होमगार्ड्स  के वेतन को लेकर एक आदेश दिया था। अपने इस आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने होमगार्ड के जवानों का दैनिक वेतन यूपी पुलिस  के सिपाही के बराबर देने को कहा था।

इस आदेश के बाद प्रदेश में होमगार्ड का वेतन 500 रुपए से बढ़कर 672 रुपए हो गया था। जिससे होमगार्ड के जवानों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद थी। लेकिन पुलिस महकमे के इस फैसले ने उन्हें एक बार फिर से मायूस कर दिया है।

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