मध्य प्रदेश के सतना में कथित टेरर फंडिंग केस को लेकर पांच लोगों को हिरासत में लिया गया। आरोपियों के पास से 13 पाकिस्तानी नंबर भी मिले हैं। इस मामले में क्राइम ब्रांच ने जिन आरोपियों को पकड़ा है उनका नाम बलराम सिंह, शुभम तिवारी और भार्गवेन्द्र सिंह, सुनील सिंह बताया जा रहा है। बाकी की पहचान की जा रही है वहीं उनसे पूछताछ भी जारी है।

दरअसल क्राइम ब्रांच के आतंक विरोधी दस्ते ने सतना में बैठकर देशभर में टेरर फंडिंग कर रहे 5 आरोपियों को धर दबोचा। सभी आरोपी सतना के ही रहने वाले हैं जोकि फ़िलहाल जमानत पर चल रहें है। क्राइम ब्रांच की टीम इन सभी से आतंकियों को फंडिंग करने के मामले में विस्तार से पूछताछ कर रही है। जांच में भोपाल ATS के साथ सतना पुलिस भी शामिल है।

इनमें से मुख्य साजिशकर्ता बलराम सिंह को बताया जा रहा है। क्योंकि साल 2017 में जम्मू कश्मीर में गिरफ्तार किए गए 2 आतंकियों से बलराम के बारे में जानकारी मिली थी। उनकी जानकारी पर ही बलराम की गिरफ़्तारी हुई थी। जानकारी के अनुसार उस वक़्त बलराम की ही जानकारी पर जबलपुर, भोपाल और ग्वालियर से 13 पाकिस्तानी जासूस पकड़े गए थे।

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बलराम महत्वपूर्ण ठिकानों और सेना से जुड़ी खुफियां जानकारी जुटाने में लगे जासूसों तक धन पहुंचाने के लिए बैंक खातों का इस्तेमाल करता था। ये खुफिया जानकारी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी तक पहुंचायी जाती थी। क्योंकि पूरे प्रदेश में पैसों की लेन-देन की ज़िम्मेदारी बलराम के पास ही थी।

वो बैंक खातों और डेबिट कार्डधारी को ज़्यादा पैसे का लालच देकर सारा काम कराता था। बताया जा रहा है कि इस गिरफ़्तारी में आरोपियों के पास से 17 पाकिस्तानी नंबर मिले है। जिसमें आरोपी शख्स इन नंबरों से नियमित बातचीत के व्हाट्सएप्प पर लगातार संपर्क में थे।

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ये आरोपी टेरर फाइंडिंग का ये नेटवर्क प्रदेश के साथ बिहार झारखंड,पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ में चला रहे थे। उन नंबरों और इन आरोपियों के फोन कॉल्स डीटेल की जांच की जा रही है।

बता दें कि इससे पहले बलराम को आंतकी गतिविधियों में शामिल होने के चलते ही साल 2017 में गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद वो भोपाल की सेंट्रल जेल में रखा गया था। वहां से वो 8 महीने पहले ही ज़मानत पर रिहा हुआ था।

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