यूपी की कमान योगी आदित्यनाथ के हाथ में आने के बाद से रेलवे स्टेशनों और शहरों का नाम बदले जाने का सिलसिला जारी है। इसी फ़ेहरिस्त में अब इलाहाबाद का नाम जुड़ गया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कैबिनेट ने इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज रखे जाने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी है।

उत्‍तर प्रदेश सरकार में मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि कुंभ से पहले ही इलाहाबाद का नाम पूरी तरह से प्रयागराज कर दिया जाएगा। अपने इस फ़ैसले के बाद से योगी सरकार विपक्षियों के निशाने पर है।

समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बाद अब आम आदमी पार्टी ने नाम बदले जाने के फ़ैसले को लेकर सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं।

‘क्या शहर की तरह बैंक और हाईकोर्ट का नाम भी इलाहाबाद से बदलकर प्रयागराज रखा जाएगा?’

आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने ट्वीट कर लिखा,

“इलाहाबाद का नाम बदलते ही प्रदेश के बेरोज़गारों को नौकरी मिल गई, नलों में साफ़ पानी आने लगा, अस्पताल में ऑक्सिजन पहुँच गई है। अब मोदी का नाम मोती योगी का नाम ढोंगी रख दो सारे देश, प्रदेश की समस्या हल हो जायेगी, नाम नही काम बदलो”।

इससे पहले सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इसे आस्था के साथ खिलवाड़ बताया था। उन्होंने लिखा था, “राजा हर्षवर्धन ने अपने दान से ‘प्रयाग कुम्भ’ का नाम किया था और आज के शासक केवल ‘प्रयागराज’ नाम बदलकर अपना काम दिखाना चाहते हैं। इन्होंने तो ‘अर्ध कुम्भ’ का भी नाम बदलकर ‘कुम्भ’ कर दिया है। ये परम्परा और आस्था के साथ खिलवाड़ है।”

वहीं कांग्रेसी नेता प्रमोद तिवारी ने भी इसपर कड़ा ऐतराज़ जताते हुए कहा था, ”बीजेपी सरकार काम कोई नहीं करती है बस नाम बदलने पर भरोसा रखती है।

अगर सरकार राफ़ेल की 4 फाइलें दे तो मैं PM मोदी को 4 दिनों में जेल भिजवा दूंगाः केजरीवाल

इलाहाबाद का एक इतिहास, सभ्यता और प्रशासनिक वजूद रहा है उसको ख़त्म किया जा रहा है। हम लोगों को उसकी गरिमा को कम होने से रोकना चाहिए।”

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here