आप नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण को क़ानूनी नोटिस भेजा है। ये नोटिस राफेल लड़ाकू विमान सौदे में हुए गड़बड़ियों को लेकर है।

संजय ने रक्षा मंत्री से कई सवाल किये है आखिर 126 राफेल फाइटर जेट न खरीद कर उसे रद्द कर 36 फाइटर जेट लेने का फैसला क्यों लिया गया।

संजय सिंह ने रक्षा मंत्री से पूछा है कि राफेल के एक जेट को खरीदने का खर्चा जब 526 करोड़ था तो उसे बाद में 670 करोड़ क्यों कर दिया गया। सिंह ने नोटिस में कहा है कि राफेल खरीदने में सरकार ने जो खर्च किया है वो लोगों की मेहनत का पैसा है।

इस मामले पर संजय सिंह प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि हमारे देश की रक्षामंत्री या तो मूर्ख है या फिर धूर्त है। सिंह ने कहा कि हर जहाज पर 1000 करोड़ की दलाली किसने खाई, पूरा देश यह जानना चाहता है। 540 करोड़ का जहाज 1670 करोड़ में क्यों खरीदा और 70 साल पुरानी कंपनी के स्थान पर 10 दिन पुरानी कंपनी को ठेका क्यों दिया, ये जवाब आपको देना होगा प्रधानमंत्री जी।

आप सांसद ने मंत्रियों के बयानों पर सवाल करते हुए कहा कि लोकसभा के 14 सांसदों ने राफेल विमान की कीमत पूछी तो मंत्री सुभाष भामरे ने उसकी कीमत कुछ और बताइ और जब मैंने कीमत पूछी तो कुछ और बताइ। मेरा सवाल है कि लोकसभा और राज्यसभा में विमानों की कीमत अलग-अलग क्यों बताई गई? इसका भी जवाब उन्हें देना चाहिए।

राफेल पर हुए खुलासे पर सिंह ने कहा फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति के बयान के बाद यह साफ़ हो गया है कि राफेल रक्षा सौदे में घोटाला नहीं महा घोटाला किया गया है। लगभग 36000 करोड़ रुपए की लूट की गई है, दलाली खाई गई है।

उन्होंने कहा कि मोदी जी आज आपसे देश पूछ रहा है कि 78 साल पुरानी लड़ाकू विमान बनाने वाली कंपनी को दर-किनार करके 12 दिन पुरानी अनिल अंबानी की कंपनी को ठेका क्यों दिया?

बता दें कि राफेल डील पर मोदी सरकार पर आए दिन हमले हो रहें हैं। ऐसे में संजय सिंह के क़ानूनी नोटिस का जवाब सरकार क्या देती है ये देखना अभी बाकी है। क्योंकि खुद संजय सिंह का कहना है कि ये डील नहीं बल्कि घोटाला है ऐसे में बीजेपी को विपक्ष के साथ देश को भी ये जवाब देना है की आखिर राफेल डील में रिलायंस की एंट्री और उसे 126 से सिर्फ 36 क्यों कर दिया गया।

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