सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत बुधवार (17 अक्टूबर) को सबरीमाला मंदिर के दरवाज़े सभी उम्र की महिलाओं के लिए खुलने वाले हैं। लेकिन इससे पहले ही सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध तेज़ हो गया है।

कई हिंदुत्ववादी संगठनों के साथ ही बीजेपी भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रही है।

हजारों बीजेपी कार्यकर्ताओं ने सोमवार को यहां केरल राज्य सचिवालय की ओर मार्च निकाला। प्रदर्शन कर रहे बीजेपी कार्यकर्ताओं ने चोतावनी दी है कि वह महिलाओं को मंदिर परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं देंगे और ज़रूरत पड़ी तो महिलाओं को रोकने के लिए वे सभी प्रवेश द्वार पर ज़मीन पर लेट जाएंगे।

सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के विरोध में हो रहे इस प्रदर्शन को लेकर अध्यात्मिक गुरु आचार्य प्रमोद ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि अगर हिंदुओं की जगह मुसलमान सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे होते तो अब तक उन्हें देशद्रोही घोषित कर दिया जाता।

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उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर आये सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के ख़िलाफ़, विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं, अगर ये काम तीन तलाक़ के फ़ैसले के ख़िलाफ़ “मुसलमानों” ने किया होता, तो उन्हें देश द्रोही घोषित कर दिया जाता”।

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बता दें कि 28 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऐतिहासिक फैसले में सबरीमाला मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश की अनुमति दे दी। इससे पहले मासिक धर्म वाली आयुवर्ग की महिलाओं के मंदिर प्रवेश पर पाबंदी थी।

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