आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र की सियासत में अपनी मौजूदगी दर्ज करा चुकी असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमीन (AIMIM) ने अब बिहार की सियासत में भी एंट्री दर्ज करा दी है। बिहार के किशनगंज में हुए विधानसभा के उपचुनाव में ओवैसी की पार्टी को बड़ी जीत मिली है।

यहां AIMIM के उम्मीदवार कमरुल हुदा ने बीजेपी की प्रत्याशी स्वीटी सिंह को करारी शिकस्त दी है। उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी को 10204 मतों के भारी अंतर से हराया है। हुदा ने कुल 70469 वोट हासिल किए जबकि स्वीटी सिंह 60265 मतों पर ही सिमट गईं।

AIMIM की पकड़ इस क्षेत्र में लोकसभा चुनाव के दौरान ही मज़बूत हो गई थी। 2019 में मोदी लहर के बावजूद AIMIM ने किशनगंज लोकसभा क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन किया था। उस वक्त ही ओवैसी की पार्टी ने इस बात के संकेत दे दिए थे कि वो सीमांचल की राजनीति में अब उसका सिक्का भी चलेगा।

किशनगंज विधानसभा सीट को कांग्रेस की पारंपरिक सीट माना जाता है। लेकिन इस चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। किशनगंज के दो बार के विधायक एवं किशनगंज के वर्तमान सांसद डॉ. जावेद आजाद की मां एवं कांग्रेस प्रत्याशी सईदा बानों को महज 25285 वोट मिले।

इससे पहले साल 2010 और 2015 के विधानसभा चुनाव में किशनगंज सीट से कांग्रेस के टिकट पर डॉ. आजाद विजयी हुये थे। किशनगंज विधानसभा क्षेत्र से 2015 के चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार डॉ. जावेद आजाद को जीत मिली थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने उन्हें किशनगंज लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया। डॉ. जावेद के सासंद बनने के कारण किशनगंज विधानसभा सीट सीट खाली हुई थी।

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