देश में पिछले कुछ समय से आरोपियों के समर्थन में खड़े होने का चलन शुरु हो गया है। चाहे वो कठुआ हो या उन्नाव मामला हर जगह आरोपियों के समर्थन में भीड़ जुट जाती है।

अब ऐसा ही नज़ारा लखनऊ के विवेक तिवारी केस में भी देखने को मिल रहा है। जहां असमाजिक तत्व नहीं बल्कि ख़ुद पुलिस आरोपियों के समर्थन में खड़ी नज़र आ रही है।

विवेक तिवारी कांड में आरोपी प्रशांत चौधरी की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदेशभर के सिपाहियों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया है। आज प्रदेशभर में पुलिसकर्मियों ने काली पट्टी बांधकर अपना विरोध दर्ज किया।

‘विवेक तिवारी’ को अपना समझकर न्याय दिलाने वाला मीडिया ‘जितेंद्र यादव’ को गैर क्यों समझता है

साथ ही यूपी पुलिस के सिपाही आज के दिन को काला दिवस के रुप में मना रहे हैं। सिपाहियों ने धमकी दी है कि अगर प्रशांत चौधरी के ख़िलाफ़ केस वापस नहीं लिया गया तो वे अनिश्चितकालिन हड़ताल पर जाएंगे।

हालांकि 5 अक्बर को काला दिवस मनाए जोने के ख़िलाफ़ पुलिस प्रशासन ने पहले ही निर्देश जारी किए थे। डीजीपी ओपी सिंह ने कहा था कि अगर कोई भी पुलिसकर्मी आरोपियों की गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन करेगा तो उसके खिलाफ़ कार्रवाई की जाएगी। लेकिन डीजीपी के आदेश के बावजूद सिपाहियों द्वारा प्रदेशभर में प्रदर्शन देखने को मिले।

सिपाहियों के इस रवैये को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने सूबे की योगी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि योगी सरकार के इक़बाल का इसी बात से अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि उसके राज में सिपाही भी आला अधिकारी की नहीं सुनता।

जब तक चुनाव ‘शमशान-कब्रिस्तान’ पर लड़े जायेंगे तब तक ‘तिवारी और खान’ शहीद होते रहेंगे

कांग्रेस प्रवक्ता ने ट्विटर के ज़रिए कहा, “फ़ोर्स में नाफर्मानी! ज़ब आला अधिकारी का अदना कर्मचारी भी आदेश मानना बन्द कर दे तो सरकार के एकबाल का अन्दाज़ा लगाया जा सकता है। यूपी पुलिस से विश्वास मत उठने दीजिये। योगी आदित्यनाथ जी वासे जंगल राज जारी है”।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here