समाजवादी पार्टी सुप्रीमो एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव योगी सरकार पर भड़कते हुए आड़े हाथों लिया है। दरअसल, सड़कों पर दम तोड़ते मजदूरों की मदद करने पर योगी सरकार सपा के नेताओं पर तबातोड़ एफआईआर पर रही है। मजदूरों की मदद करने पर अब तक सूबे में यूपी पुलिस सैकड़ों एफआईआर दर्ज कर चुकी है। मेरठ के सपा नेता अतुल प्रधान पर ही मजदूरों की मदद करने पर एफआईआर हो चुकी है।

योगी सरकार की बौखलाहट में दर्ज की जा रही एफआईआर पर पूर्व मुख्यमंत्री ने ट्वीट करके कहा कि, “उप्र में कोरोना के संबंध में हज़ारों FIR हो रही हैं जिससे ऐसा लगने लगा है कि ये कोई चिकित्सीय नहीं बल्कि कोई ‘आपराधिक समस्या’ है।”

उन्होंने अपने ट्वीट में आगे लिखा, “क्वारेंटाइन सेंटर्स की बदहाली व उनके प्रति भाजपा सरकार की भेदभावपूर्ण नीति की वजह से लोग यहाँ जाने से डर रहे हैं। भाजपाई अपना संकीर्ण चश्मा बदलें!”

उत्तर प्रदेश के रास्ते लाखों मजबूर मजदूर अपने प्रदेश या अन्य प्रदेशों में पैदल अपने पैर में छाले लिए चके जा रहे हैं। लेकिन योगी सरकार उन्हें बस या अन्य वाहन मुहैया नहीं करवा पा रही। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता और नेता सड़कों पर उतर कर बेबस मजदूरों की खाने-पीने, आर्थिक से लेकर वाहन मुहैया कराने तक मदद कर रहे हैं।

इसी कड़ी में कांग्रेस ने मजदूरों की मदद के लिए योगी सरकार के सामने 1000 बसें देने का प्रस्ताव रखा। मगर 3 दिन बसें यूपी में खाली खड़ी रहीं लेकिन सीएम योगी ने मजदूरों के लिए ये 1000 बसें चलाने की मंजूरी नहीं दी।

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