कोरोना संकट में योगी आदित्यनाथ सरकार ने अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए एक नया फरमान सुनाया है। यूपी में कोरोना मरीज अब क्वारंटाइन सेंटर में अपना मोबाइल फोन नहीं ले जा सकेंगे। मोबाइल पर लगे प्रतिबंध पर समाजवादी पार्टी ने योगी सरकार पर क्वारंटाइन सेंटर्स की बदहाली छुपाने के आरोप लगाते हुए जोरदार हमला बोला है।

कई रिपोर्ट्स और सोशल मीडिया पर यआ रही तस्वीरों-वीडियो में उत्तर प्रदेश के क्वारंटाइन सेंटर्स की स्थिति बदतर दिखाई दे रही है। इन सेंटर्स में न तो ठीक से खाने-पीने की व्यवस्था है और न ही स्वास्थ्य सेवाओं सहित अन्य मूलभूत सुविधाएं। इन्हीं बातों को लेकर सपा ने योगी सरकार पर अपनी कमियां छुपाने का आरोप लगाया है।

समाजवादी पार्टी ने ट्वीट करके कहा की, “‘उत्तर प्रदेश में कोरोना मोबाइल से फैलता है’ क्योंकि मोबाइल फोन कैमरे से बदइंतजामी से बदहाल क्वारन्टीन सेंटरों की पोल खुलने का खतरा है! क्वारन्टीन सेंटरों में मरीजों के मोबाइल ले जाने पर रोक संबंधी स्वास्थ्य विभाग का आदेश अपनी करनी छुपाने का पैंतरा मात्र! फैसला वापिस ले सरकार।”

इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी इस मामले पर तंज भरे लहज़े में ट्वीट करके कह चुके हैं कि, “अगर मोबाइल से संक्रमण फैलता है तो आइसोलेशन वार्ड के साथ पूरे देश में इसे बैन कर देना चाहिए। यही तो अकेले में मानसिक सहारा बनता है। वस्तुतः अस्पतालों की दुर्व्यवस्था व दुर्दशा का सच जनता तक न पहुँचे, इसीलिए ये पाबंदी है। ज़रूरत मोबाइल की पाबंदी की नहीं बल्कि सैनेटाइज़ करने की है।”

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