देश में जय जवान जय किसान का नारा अब सिर्फ प्रदर्शनों और किताबों में कैद है। लेकिन अब किसानों के नाम से राजनीती होने लगी है। पार्टियाँ किसानों से वादा करके उनका वोट लेतीं हैं और फिर बाद में उन्हें दयनीय हालत में छोड़ देती हैं।

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार किसानों का कर्ज माफ करने के साथ-साथ उनकी बकाया राशि देने का वादा करके प्रदेश की सत्ता पर काबिज हुई थी। लेकिन सरकार आने के एक साल बीत जाने के बाद भी यूपी के किसान अपनी बकाया राशि लेने के लिए दर-दर भटक रहे हैं। किसानों की सुनवाई ना तो मुख्यमंत्री योगी सुन रहे हैं और ना ही प्रशासन।

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गन्ना किसानों का मुदा उठाते हुए ट्वीट कर योगी सरकार को घेरा है। उन्होंने लिखा कि “आज यूपी में गन्ना-किसान अपने बकाया 8000 करोड़ के लिए दर-दर भटक रहा है। सरकार के झूठे दावों की सूची में एक जुमला ‘गन्ना-भुगतान’ का भी जुड़ गया है।


यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे लिखते हुए बीजेपी सरकार के जुमलों को याद दिलाते हुए कहा कि “ये किसान के साथ सरासर धोखाधड़ी है। कड़वाहट की राजनीति करने वाली ये सरकार शायद नहीं चाहती कि लोगों के जीवन में गन्ने की मिठास घुले।”

बता दें कि यूपी सरकार ने किसानों से गन्ना 325 और 315 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीद की है, मगर किसानों को एक क्विंटल गन्ना उगाने में ही 250 से 300 रुपए की लागत आ जाती है। इसके हिसाब से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में अगर सरकार किसानों का भुगतान रोक देती है तो उनकी हालत और भी बदतर हो जाती है।

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