तस्वीर साभार- आज तक

मोदी सरकार-2 में भी भीड़हत्या और दलित मुस्लिमों पर होने वाले अपराधों पर फिल्म निर्देशक अदूर गोपालकृष्णन और अनुराग कश्यप समेत 49 हस्तियों ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में प्रधानमंत्री मोदी को नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो का हवाला देते हुए बताया कि सिर्फ साल 2016 में 840 मामले दर्ज हुए जो सिर्फ दलितों के मामले में दर्ज हुए है।

अब इस विरोध की आवाज को मीडिया को आगे बढ़ाना चाहिए था। मगर हुआ उलट इन सभी हस्तियों को ‘असहिष्णुता गैंग’ करार दे दिया।

‘आज तक’ पर हल्ला बोल प्रोग्राम करने वाली एंकर अंजना ओम कश्यप ने कथित ‘असहिष्णुता गैंग’ पर डिबेट रख दी।

जिसमें गुजरात से विधायक जिग्नेश मेहवाणी, फिल्म निर्देशक अशोक पंडित, निर्देशक विवेक अग्निहोत्री, एआईएमआईएम के प्रवक्ता वारिस पठान और बीजेपी प्रवक्ता नलिन कोहली ने हिस्सा लिया।

इस डिबेट में कभी अशोक पंडित अकबरुद्दीन ओवैसी को बड़ा मॉब लिंचर घोषित कर रहे थे तो वारिस पठान जय श्री राम के नाम पर लोगों को गाड़ी से निकाल-निकाल कर मारे जाने की बात कह रहे थे। इस डिबेट में चिट्ठी लिखने वाले 49 हस्तियों को नहीं बुलाया गया।

एंकर ने अपनी शो की शुरुआत में वो सभी बताई जो चिट्ठी में लिखी गई थी। मगर पहला सवाल बीजेपी प्रवक्ता से पूछने के बजाय जिग्नेश मेवाणी से कर दिया। इसी से अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि डिबेट किस स्तर की है। जिसमें सवाल करने वालों से ही सवाल किया जा रहा है और जवाब देने वालों पर नरमी दिखाई जा रही है।

बता दें कि पीएम मोदी को लिखी गई इस चिट्ठी में सविंधान का हवाला देते हुए लिखा गया कि अफसोस की बात है कि ‘जय श्री राम’ आज एक भड़काऊ नारा बन गया है।

भारत के बहुसंख्यक समुदाय में राम का नाम पवित्र हैं। एक जनवरी 2009 से 29 अक्टूबर 2018 के बीच 254 धार्मिक पहचान आधारित हिंसा दर्ज की गई है। जबकि 2016 में दलितों पर अत्याचार के 840  मामले सामने आए हैं।

पत्र में कहा गया है कि ‘इन मामलों में मुसलमानों के खिलाफ हुई हिंसा 62 प्रतिशत और क्रिश्चियन समुदाय के खिलाफ 14 प्रतिशत मामले देखे गए हैं।प्रधानमंत्री मोदी आपने संसद में लिंचिंग की निंदा की, वो काफी नहीं है।’

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here