ऑटो सेक्टर में सुस्ती ख़त्म होने का नाम ही नहीं ले रही है। यही वजह है कि अब जर्मनी की बड़ी कंपनी BOSCH जो कल-पुर्जे बनाती है उसने हर महीने 10 दिनों के लिए उत्पादन बंद करने का फैसला लिया है। कंपनी के एक अधिकारी की माने तो कंपनी ने इसकी जानकारी नियामकीय फाइलिंग में शेयर बाजार को शुक्रवार को सूचित कर दिया था। जिसमें कहा गया था कि हम तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) के दौरान प्रत्येक महीने 10 दिन उत्पादन बंद रखेंगे।

दरअसल इसके पीछे अर्थव्यवस्था में आई सुस्ती ही है। पिछले ही दिनों बॉश इंडिया के अध्यक्ष वीके विश्वनाथन ने कहा था कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में ढेर सारी अनिश्चितताएं हैं। बढ़ता व्यापारिक तनाव, बढ़ते राष्ट्रवादी दृष्टिकोण और ब्रेक्सिट संबंधित मुद्दों ने वैश्विक व्यापारिक मॉडल्स को नया आकार देना आवश्यक बना दिया है।

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जर्मन कंपनी मोबिलिटी समाधान, औद्योगिक प्रौद्योगिकी, उपभोक्ता वस्तु एवं ऊर्जा और बिल्डिंग प्रौद्योगिकी की एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता है। जिसमें ये कंपनी पिछले 68 साल पुरानी सहयोगी इकाई के भारत में कुल 18 विनिर्माण केंद्र और सात विकास एवं अनुप्रयोग केंद्र हैं। मगर अब कंपनी के ऐलान के बाद हर महीने 10 दिन उत्पादन बंद रहने से पूरी तिमाही के 90 दिनों के दौरान उत्पादन 30 दिन बंद रहेगा।

इसके पीछे कंपनी ने एक बयान में कहा कि 10 उत्पादन बंद रखकर हम उत्पाद की बिक्री के साथ तालमेल बिठा सकेंगे। अब भले ही सुस्त अर्थव्यवस्था की बात खबरों में ना हो मगर कई आर्थिक जानकार इसके पीछे नोटबंदी और जीएसटी को वजह बता रहें है।

इस मामले पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोशल मीडिया पर लिखा- मंदी के कारण कम्पनियों में 10-10 दिन ताले पड़ेंगे, वहाँ कोई काम नहीं होगा। लेकिन भाजपा सरकार ने अर्थव्यवस्था सुधार के अपने एजेंडे पर जान-बूझकर ताला लगाया हुआ है। अर्थव्यवस्था बुरी तरह खराब है और सरकार मुँह चुराकर बच निकालने का उपाय सोच रही है।

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