पंडित दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव स्थगित किए जाने के बाद उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने सूबे की योगी सरकार पर बड़ा हमला बोला है।

उन्होंने कहा कि सत्ताधारी दल अपने छात्र संगठन की हार के डर से चुनाव को टाल रहा है।

सपा प्रमुख ने ट्वीट कर लिखा, “लगता है गोरखपुर लोकसभा उप-चुनाव में हारने के बाद अब कुछ लोगों को गोरखपुर विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में भी हार का डर सता रहा है, इसीलिए वो चुनाव टाल रहे हैं।

ये चुनाव से पहले ही हार मान लेने का सबूत है। छात्रों से उनका अधिकार छीनना अलोकतांत्रिक है”।

लगता है गोरखपुर लोकसभा उप-चुनाव में हारने के बाद अब कुछ लोगों को गोरखपुर विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में भी हार का डर सता रहा है, इसीलिए वो चुनाव टाल रहे हैं. ये चुनाव से पहले ही हार मान लेने का सबूत है. छात्रों से उनका अधिकार छीनना अलोकतांत्रिक है.

— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 12, 2018

 

बता दें कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव के लिए 13 सितंबर को वोटिंग होनी थी। लेकिन परिसर में हंगामे के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने चुनाव को स्थगित कर दिया।

दरअसल, मंगलवार को प्रचार के लिए एबीवीपी के कार्यकर्ता विधि विभाग में दीवारों पर पोस्टर लगा रहे थे। इसी दौरान विभाग के एक असिस्टेंट प्रोफेसर ने छात्रों को विभाग में दीवार पर स्टीकर लगाने से मना किया। जिससे नाराज एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने शिक्षक से हाथापाई शुरू कर दी।

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शिक्षक के साथ मारपीट की घटना की खबर मिलते ही लॉ के छात्र सड़कों पर आ गए और उन्होंने एबीवीपी के खिलाफ़ नारेबाज़ी शुरू कर दी।

इसके बाद दोनों गुटो में विवाद बढ़ गया और एबीवीपी के अध्यक्ष पद के प्रत्याशी रंजीत सिंह श्रीनेत और निर्दलीय प्रत्याशी अनिल दुबे के समर्थकों में मारपीट शुरू हो गई। दोनों पक्षों में विवाद गहराता देख मौक पर मौजूद पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज कर दिया और दौड़ा-दौड़ाकर उन्हें पीटा।

हंगामे के बाद छात्र गुटों में रंजिश और बवाल बढ़ने की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने विश्वविद्यालय के छात्र संघ चुनावों को फिलहाल टाल दिया है और एहतियात के तौर पर दो दिनों के विश्वविद्यालय को भी बंद कर दिया है। जबकि विपक्ष का कहना है कि हार के डर से सत्ताधारी दल ने चुनाव को टाला है।

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