शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे का कहना है कि हिंदुत्व विचारक विनायक दामोदर सावरकर की तरह देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु 14 मिनट भी जेल में नहीं रहें है। ठाकरे के इस बयान पर विपक्षी दल के नेताओं ने उनकी आलोचना शुरू कर दी है। कांग्रेस प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने कहा कई बार अंग्रेजों से माफ़ी मांगने वाले गद्दारों को भी समर्थक मिल ही जाते है।

कांग्रेस नेता ने सोशल मीडिया पर लिखा- किसी ने सही कहा है ग़द्दारों को भी समर्थक मिल जाते है, क्यों मॉफी मॉगी कईबार माफ़ी मॉगी लड़े होते अंग्रेज़ों से पूरा कुनबा तो अंग्रेज़ों से यारी देश से ग़द्दारी मे लगा था।

दरअसल उद्धव ठाकरे विनायक दामोदर सवारकर की आत्मकथा सावरकर इकोज फ्राम अ फॉरगाटेन पास्ट” के विमोचन में शिरकत करने पहुंचे थे। जहां उन्होंने पहले सावरकर के कसीदे पढ़े इसके बाद वो सावरकर को वीर बताने पर नेहरु गांधी परिवार पर निशाना साधा।

9 बार जेल जाने वाले नेहरु पर उद्धव का आरोप, कहा- सावरकर की तरह नेहरू 14 मिनट भी जेल में नहीं रहे

उद्धव ने कहा कि हम महात्मा गांधी और पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा किए गए काम से इनकार नहीं करते है, लेकिन देश ने दो से अधिक परिवारों को राजनीतिक परिदृश्य पर अवतरित होते हुए देखा। ठाकरे के इस बयान के बाद ये सवाल खड़ा होता है कि क्या वाकई जवाहर लाल नेहरु ने जेल नहीं गए।

मगर इतिहास के अनुसार नेहरु पहली बार 6 दिसंबर, 1921 से 3 मार्च, 1922 तक जेल में रहें। फिर वो दूसरी बार- 11 मई, 1922 से 31 जनवरी 1923।तीसरी बार- 22 सितंबर, 1923 से 4 अक्टूबर, 1923।

वहीं चौथी बार नेहरु 14 अप्रैल 1930 से 11 अक्टूबर, 1930 तक जेल में रहें पांचवीं बार- 19 अक्टूबर, 1930 से 26 जनवरी, 1931। छठी बार 26 दिसंबर, 1931 से 30 अगस्त, 1933। सातवीं बार 12 फरवरी, 1934 से 3 सितंबर, 1935।आठवीं बार 31 अक्टूबर, 1940 से 3 दिसंबर, 1941 नौवीं बार 9 अगस्त, 1942 से 15 जून, 1945 तक अंग्रेज हुकूमत ने कैद रखा था।

बता दें कि इसी दौरान नेहरु ने भारत एक खोज किताब भी लिखी जिसे आज इतिहास की किताब होने का दर्जा भी हासिल है। जिसकी पढ़ाई आज भी देश और विदेश में की जाती है अब ऐसे में सावरकर को वीर दर्जा देने पर उतारू उद्धव ठाकरे ने ऐसा दावा किया जो व्हाट्सएप्प यूनिवर्सिटी में अक्सर पढ़ने को मिल जाता है।

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