सोशल मीडिया पर CRPF की एक महिला कांस्टेबल खुशबू चौहान का वीडियो जमकर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में वो एक डिबेट में हिस्सा लेते हुए भाषण दिया जिसमें महिला कांस्टेबल ने कुछ ऐसा कहा जिसकी आलोचना हो रही है। आधे ज्ञान के साथ मंच पर बोलने उतरी खुशबू के बयान पर सीआरपीएफ ने सिर्फ संयम बरतने की सलाह दी।
अपने भाषण में खुशबू चौहान (Khushbu Chauhan) कहती है, जो कहता है कि हर घर से अफजल निकलेगा तो मेरी बात सुन लो- जिस घर से अफजल निकलेगा उस घर में घुसकर मारेंगे, वो कोख नहीं पलने देंगे जिस कोख से अफजल निकलेगा।
मां की कोख उजाड़ने की बात करने वाली इस सिपाही को कैसे पता लगेगा कि किस कोख में अफजल है और किस कोख में कलाम? और किसी मां की कोख उजाड़ने का क्या ओचित्य है।
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इसके बाद वो जेएनयूएसयू (JNU) के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर निशाना साधते हुए कहती है- उठो देश के वीर जवानों तुम सिंह सी दहाड़ दो, और एक तिरंगा झंडा उस कन्हैया के सीने में गाड़ दो।
इस हिस्से पर कई लोगों ने सवाल उठाए है कि कैसे कोई खुद जज और खुद ही राष्ट्रवाद का वकील बनते हुए किसी की कोख नहीं पलने देने की बात कर जाता है। कैसे कोई आरोप साबित होने से पहले ही कन्हैया कुमार के सीने में झंडा गाड़ देने की बात कर सकता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस मामले पर CRPF ने बयान जारी करते हुए कहा कि हमारी एक महिला कांस्टेबल का भाषण वायरल हो रहा है। इसकी कुछ लोग प्रशंसा कर रहे हैं और कुछ इसकी निंदा कर रहे हैं। यह भाषण 27 सितंबर 2019 को एनएचआरसी सीएपीएफ वाद-विवाद प्रतियोगिता 2019 में दिया गया था। इसमें विषय था आतंकवाद और देश में मिलिटेंसी से मानवाधिकारों का पालन करते हुए कैसे प्रभावी ढंग से निपटा जा सकता है।
सीएपीएफ ने हर संगठन के दो वक्ताओं को बोलने का मौका दिया था। जिसमें से एक को पक्ष में और एक को विपक्ष में बोलना था। उन्होंने सीआरपीएफ का प्रतिनिधित्व किया और विपक्ष में बात की। वीडियो सीआरपीएफ ने आधिकारिक तौर पर जारी नहीं किया है।
भाषण एक वाद-विवाद प्रतियोगिता में दिया गया था और इसमें कुछ भी बुरा मानने लायक नहीं है। हम CRPF में मानवाधिकारों का बिना शर्त सम्मान करते हैं। उन्हें इस प्रस्ताव के खिलाफ बोलने के लिए कहा गया और उन्होंने भाषण दिया लेकिन कुछ बातें नहीं कहनी चाहिए थी। उन्हें उचित सलाह दी गई है, हम सीआरपीएफ के लिए सम्मान और चिंता की सराहना करते हैं।
इस मामले पर सोशल मीडिया पर एक यूज़र ने लिखा- कहाँ है हिन्दुस्तान की तथाकथित स्वतन्त्र न्यायपालिका? अभी तक इस सिपाही को निलम्बित क्यों नहीं किया गया? अभी तक गृह मंत्रालय से जवाब तलब नहीं हुआ?