जिस देश में गाय के नाम पर भीड़ किसी को भी मार देती हो। BJP के बड़े बड़े नेता गाय को माता का दर्जा देते हो। उसी देश में अब पाखंड का सबसे बड़ा ढोंग भी नज़र आने लगा है। ताजा मामला मध्यप्रदेश के देवास से 15 किलोमीटर दूर राबढ़िया गांव में स्थित गौशाला का है। इस गौशाला का संचालन बीजेपी नेता वरुण अग्रवाल करते है जहां एक दर्जन से ज्यादा गायों की मौत हो गई है।

दरअसल पिछले दिनों देवास के नूतन नगर में रहने वाले अम्बाराम की दो गायें पिछले 3-4 दिनों से लापता हो गई थीं, उन्हें जानकारी लगी कि नगर निगम का अमला गायों को पकड़कर ले गया है। तब अम्बाराम अपनी गायों को ढूंढते हुए राबड़िया स्थित उस गोशाला में पहुंचे तो वहां नज़ारा ही बदला हुआ था।

मध्यप्रदेश : आतंकी फंडिंग मामले में बलराम सिंह समेत 5 लोग गिरफ्तार, ISI के लिए कर रहे थे काम

वहां अम्बा राम ने पाया कि उनकी 5-6 गायें गौशाला में थीं, लेकिन उन्होंने देखा कि कुछ अन्य गायें भी गौशाला के गेट के पास एक दलदल में फंसी हुई या मरी पड़ी हैं। उन्होंने अन्य गायों के शवों को भी देखा जो गौशाला के करीब एक पहाड़ी पर थीं। मामले की जानकारी जब लगी तो ये बात निकलकर सामने आई कि नगर निगम अपने दम पर गौशाला नहीं चलाता है, इसलिए यह पंजीकृत गौशालाओं में आश्रय और देखभाल के लिए गायों को भेजता है।

इस गौशाला की ज़िम्मेदारी थी BJP नेता वरुण अग्रवाल और उनके सहयोगियों सतीश और महेश पर जिनके खिलाफ अब देवास जिले की पुलिस ने पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया है। वहीं, राज्य सरकार ने इस मामले में मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं।

इस मामले की जानकारी पुलिस के साथ देवास नगर निगम के आला अधिकारियों को भी दी गई। जिसके बाद बीते बुधवार को एक टीम मौके पर पहुंची। टीम जब गौशाला गेट के ठीक बाहर खड़ी थी उसने पाया कि दलदल में मृत गायें पड़ी हुई है। जिन्हें ज़ाहिर है लापरवाही के चलते छोड़ दिया गया था।

इस मामले पर देवास के एएसपी जगदीश डावर ने कहा कि हमने सीएसपी अनिल सिंह राठौर और दो पुलिस थाना प्रभारियों के नेतृत्व में एक टीम को जांच के लिए गौशाला भेजा था। टीम ने पाया कि गौशाला में क्षमता से ज्यादा गायों को रखा गया था। साथ ही दलदल में फंसी कुछ गायों को बचा लिया गया, लेकिन उनमें से एक गाय पहले ही मर चुकी थी।

बीजेपी IT सेल प्रमुख अच्छे दिनों के सपने दिखा रहा था, मगर बेटे ने नौकरी जाने के डर से फांसी लगा ली

इस बारे में जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया कि गौशाला संचालक वरुण अग्रवाल को ये गौशाला 15 अगस्त को देवास में स्वतंत्रता दिवस समारोह में एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में सम्मानित करने के लिए दी गई थी।

मगर गाय की रक्षा करने में बीजेपी नेता ही विफल रहें। अपना नाम और कद पार्टी में बड़ा करने के लिए गौशाला तो ले ली। मगर गाय की देखभाल करने में पूरी तरह से असफल रहें, खैर अच्छी बात ये है कि इन गायों की मौत पर अब जांच के बाद क़ानूनी रूप से एक्शन लिया जायेगा ना की भीड़ इस मामले की जांच करेगी जो गाय के नाम अबतक कई मासूमों को मौत घाट उतार चुकी है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here