उत्तर प्रदेश के योगी राज में पुलिस कस्टडी में बेक़सूर मर रहे हैं तो कर्ज़ तले दबे किसान। भले ही बीजेपी सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया हो लेकिन हकीकत ये है कि किसान कर्ज़ तले मर रहे हैं।

जालौन में बैंक के कर्ज़ और अपनी फसल बर्बाद होने के कारण एक किसान ने फांसी लगाकर ख़ुदकुशी कर ली है। पुलिस ने भी किसान के ऊपर भारी कर्ज होने की बात स्वीकारी है।

सिरसाकलार थाना क्षेत्र के रहने वाले मृतक किसान गोविंद सिंह यादव खेत में बने निजी पंपिंग सेट पर रहकर रखवाली करते थे। उन्होंने यही फांसी लगा ली। गोविंद सिंह के पास 20 बीघा खेत है। जिसमें से 10 बीघा में उन्होंने तिल की फसल बोई थी, लेकिन ज्यादा बारिश होने के कारण फसल सड गई। इसके आलावा किसान ने बाकी 10 बीघा खेल में बाजरा की खेती बोई थी। मगर वो भी ज्यादा बारिश होने की वजह से सड गई और बची कुची फसल जानवर खा गए।

विपक्षी दल समाजवादी पार्टी ने बीजेपी की योगी सरकार पर इसका जिम्मेदार ठराया है। पार्टी ने ट्वीट करके लिखा है कि, “जालौन में कर्ज़ से परेशान गोविंद सिंग की आत्महत्या किसानों की हत्यारी भाजपा सरकार की वादाखिलाफी का परिणाम है। शोकाकुल परिजनों से संवेदना। मुआवाजे का ऐलान करे सरकार।”

किसान गोविंद सिंह ने इलाहाबाद बैंक से किसान क्रेडिट कार्ड पर साढ़े तीन लाख का कर्ज लिया था। साथ ही बेटी की शादी करने के लिए बभी उसने कर्ज ले रखा था लेकिन 20 बीघा की फसल बर्बाद होने से किसान खुद को संभाल नहीं सका और मौत को गले लगा लिया।

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