कानपुर में 8 पुलिसवालों की हत्या के बाद यूपी की कानून व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं। पुलिसवालों की हत्या करने वाले विकास दुबे का क्रिमिनल रिकॉर्ड देखने के बाद सरकार और प्रशासन की तैयारियों पर सवाल उठने लगे हैं। लेकिन इसके साथ ही सबसे ज्यादा सवाल उठ रहे हैं अपराधी को मिलने वाले राजनीतिक संरक्षण पर।

राजनीति का थोड़ा भी जानकार इस बात को मानने से इनकार नहीं कर सकता कि इस तरह की अपराधिक घटना को अंजाम देने वाला शख़्स निश्चित तौर पर किसी बड़े राजनेता के संरक्षण में काम कर रहा होगा।

तमाम दलों के नेताओं द्वारा एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है लेकिन इसी बीच पूर्व आईएएस आई पी सिंह ने बड़ा खुलासा करते हुए यूपी के कानून मंत्री बृजेश पाठक पर सवाल उठाए हैं।

विकास दुबे को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए आईपी सिंह ट्विटर पर लिखते हैं – अब क्या क़ानून मंत्री के ऊपर मुक़दमा करवाएँगे योगी सरकार? क्या उन्हें मंत्री परिषद से बर्खास्त करेंगे? मेरे जैसे सामान्य व्यक्ति पर एक सवाल पूछने पर मुक़दमा करने वाले अब कहाँ गए? एक मंत्री को बचाने के लिए अब पूरी मीडिया लग गयी है। क्या विकास दुबे को भाजपा का खुला संरक्षण है?

इसके साथ ही यूपी के कानून मंत्री बृजेश पाठक के साथ विकास दुबे की तस्वीर होने का दावा करते हुए आईपीसी एक और ट्वीट करते हैं – उत्तरप्रदेश सरकार के क़ानून मंत्री ब्रजेश पाठक और विकास दुबे एक साथ। ये रिश्ता क्या कहलाता है?

पूर्व आईएएस के इन दावों में कितनी सच्चाई है यह तो जांच के बाद ही स्पष्ट होगा लेकिन कम से कम इतना तो स्पष्ट है कि पुलिस वालों पर अंधाधुंध गोलियां चला देने का दुस्साहस करने वाले विकास दुबे पर किसी बड़े राजनेता का हाथ जरूर है।

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