एक तरफ़ संघ प्रमुख मोहन भागवत आरक्षण पर विचार-विमर्श करने की बात कर रहे हैं तो दूसरी तरफ़ कथित तौर पर दलितों को गुजरात के सोमनाथ महादेव मंदिर में प्रवेश से रोका जा रहा है।
इंडियन एक्सप्रेस में छपी ख़बर के मुताबिक, अंक्लव तालुका के अमरोल गांव में स्थित सोमनाथ महादेव मंदिर के बाहर कथित तौर पर स्वर्ण जाति के कुछ लड़कों ने एक बोर्ड लगाकर अनुसूचित जातियों के लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है। मामला सामने आने के बाद इलाके में तनाव का माहौल है। जिसके चलते इलाके में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है।
घटना की जानकारी वाल्मीकि समुदाय के कुछ लोगों ने दी है। वाल्मीकि समुदाय के चंदू हरिजन ने कहा, ‘मेरी बेटी हर सोमवार प्रार्थना करने के लिए महादेव मंदिर जाती है। पिछले दिनों वह बोर्ड पढ़कर सुबह 10 बजे के लगभग वापस लौट आई। जब समुदाय के अन्य लोगों के साथ मंदिर गए तो वहां एक साइनबोर्ड लगा हुआ देखा। हमें बाद में पता चला कि यह बोर्ड दरबार समुदाय के लोगों ने लगाया है। जब हमने उनसे सवाल किया तो उन्होंने कहा कि इसमें कुछ गलत नहीं है।’
सामाजिक कार्यकर्ता चंद्रिकाबेन सोलंकी ने बताया कि उनकी टीम घटना की जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंची थी। उन्होंने बताया कि घटना सोमवार दोपहर की है। वहीं गांव के सरपंच और मंदिर के ट्रस्टी का कहना है कि उन्हें ऐसे नोटिस की जानकारी नहीं है।
ग्रामीणों की शिकायत के बाद पुलिस और प्रशासन के लोग मौके पर पहुंचे। आणंद के जिला कलेक्टर दिलीप कुमार राणा ने कहा, ‘किसी ने बोर्ड लगाया था और फिर हटा दिया, अब गांव वालों को कोई शिकायत नहीं है।
आपको बता दें कि गुजरात में दलितों के साथ हुए ऊना कांड पर भी काफी दिनों तक हंगामा हुआ था। दलितों की पीटा गया था जिसके बाद गुस्साए दलितों ने पूरे गुजरात में विरोध प्रदर्शन किया था।