मोदी सरकार द्वारा ट्रैफिक नियम तोड़ने के खिलाफ बढ़े जुर्माना राशि ने लोगों के बीच दहशत पैदा कर दी है। लोग रोड पर डर-डरकर गाड़ी चला रहे हैं। इसकी बानगी देखने को मिली दिल्ली के रहने वाले और गुरुग्राम कोर्ट में काम करने वाले दिनेश मदान के साथ। दिनेश पर पुलिस ने 23 हजार रुपये का जुर्माना ठोंका है, जबकि उसकी स्कूटी की कीमत बाजार में 15 हजार रुपये है। यही वजह है कि नए ट्रैफिक नियम के खिलाफ आवाज उठने लगी है।

दिल्ली की गीता कॉलोनी में रहने वाले दिनेश मदान सोमवार को अपने निजी काम के निकले तो ट्रैफिक पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया। दिनेश बिना हेलमेट अपनी 2015 मॉडल की स्कूटी पर सवार थे, इतने में वो पुलिस के हत्थे चढ़ गए। इस समय दिनेश के पास हेलमेट, गाड़ी का रजिस्ट्रेशन, लाइसेंस, एयर पॉल्यूशन कुछ भी नहीं था।

हालाँकि दिनेश ने पुलिस से कहा कि उन्हें कुछ सस्मस्य दिया जाए वो गाड़ी के पूरे कागजात उपलब्ध करा देंगे, लेकिन पुलिस ने उनकी एक न सुनी और 23 हजार का चालान काटकर उनके हाथ में थमा दिया।

अब सोशल मीडिया पर ये घटना आग की तरह फैल गई है। लोग सरकार का इस नियम के खिलाफ विरोध कर रहे हैं। वरिष्ठ पत्रकार राणा यशवंत ने ट्वीट कर लिखा है कि,

“मवेशियों की तरह ट्रेनों में लोग ठूंस दिए जाते हैं, खंडहर बनी सरकारी बसों में जोखिम के साथ सफ़र करते हैं। पैसा लेकर भगवान भरोसे किए जानेवाले ऐसे सफ़र के लिए किसका चालान काटा जाए? 23 हजार का चालान नहीं है ये भ्रष्टाचार के 23 हजार रास्ते तैयार किए जाते हैं। नौकरी है नहीं चालान चाहिए।”

वहीं स्तंभकार गिरीश मालवीय ने देश की गिरती अर्थव्यवस्था पर तंज कसते हुए सोशल मीडिया पर लिखा है कि, “रुझान आने शुरू हो गए हैं। स्कूटी का 23 हजार रुपये का चालान अर्थव्यवस्था में इनका योगदान याद रखेगा हिंदुस्तान।”

बता दें कि संसद में पास नए ट्रैफिक नियमों के अंतर्गत चालान में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। इस नियम से लोग खासे डरे हुए हैं। वहीं कई राज्यों ने इसे मानने से इनकार कर दिया है।

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