चीख़-चीख़ कर हिंदू-मुस्लिम की डिबेट कराने वाले एक कथित पत्रकार हैं अमिश देवगन। इन्हें प्यार से ‘हिंदी का अर्नब गोस्वामी’ भी कहा जाता है। अर्नब और अमिश में सिर्फ भाषा का फर्क है। अर्नब जिस कुतर्क को अंग्रेजी में चिल्लाते हैं, अमिश उसी काम को हिंदी में अंजाम देते हैं। हिंदी में वह चीखने में तो माहिर हैं, लेकिन हिंदी लिखने में उनके हाथ ज़रा तंग हैं।
दरअसल, पीएम मोदी के मित्र अंबानी के न्यूज़ चैनल ‘न्यूज़ 18 इंडिया’ में एंकर अमिश देवगन ने पीएम मोदी के एक बयान को अपने ट्विटर अकाउंट से शेयर किया है। लेकिन बयान ट्वीट करने में उनसे एक बड़ी मिस्टेक हो गई। उन्होंने अपने ट्वीट में पीएम मोदी द्वारा लिए गए भगवान बुद्ध के नाम को बुध लिख डाला।
बता दें कि पीएम मोदी ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र संघ महासभा के 74वें अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि हम उस देश के वासी हैं, जिसने दुनिया को युद्ध नहीं बुद्ध दिए हैं। उन्होंने कहा कि इसलिए हमारी आवाज में आतंक के खिलाफ दुनिया को सतर्क करने की गंभीरता भी है और आक्रोश भी।
पीएम मोदी के इसी बयान को कोट करते हुए अमिश देवगन ने ट्वीट किया, “भारत ने दुनिया को युद्ध नहीं बुध दिए हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दुनिया को संदेश #ModiUNGASpeech”। जिस तरह से वह बोलते हुए काफी जल्दी में नज़र आते हैं, उसका अक्स उनकी लेखनी में भी दिखाई पड़ता है। उन्होंने भगवान बुद्ध का नाम भी जल्दी में लिख डाला और शब्द ही खा गए। उन्होंने बुद्ध को बुध बना दिया।
भारत ने दुनिया को युद्ध नहीं बुध दिए हैं @narendramodi का दुनिया को संदेश #ModiUNGASpeech
— Amish Devgan (@AMISHDEVGAN) September 27, 2019
हिंदी न्यूज़ चैनल के प्राइम एंकरों में शुमार किए जाने अमिश देवगन के हाथ हिंदी में कितने तंग हैं, इस बात का अंदाज़ा उनके पुराने ट्वीट्स को देखकर भी लगाया जा सकता है। इससे पहले फरवरी में वह अपने एक ट्वीट में पत्रकारिता ही ग़लत लिख चुके हैं।
20 फरवरी को किए अपने एक ट्वीट में देवगन ने लिखा था, “कुछ तथाकथित को लगता है सबसे क़ाबिल वो सारी पत्रकारीता का बोझ इन्हीं पर हैं कोई इनको जगाओ क्योंकि यह अरसे से सो रहें हैं और देश जाग चुका है”।
कुछ तथाकथित को लगता है सबसे क़ाबिल वो सारी पत्रकारीता का बोझ इन्हीं पर हैं कोई इनको जगाओ क्योंकि यह अरसे से सो रहें हैं और देश जाग चुका है ।
— Amish Devgan (@AMISHDEVGAN) February 19, 2019
अब इससे अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि ऐसे पत्रकार जिन्हें ठीक से हिंदी और पत्रकारिता तक लिखना नहीं आता वो टीवी पर हिंदू-मुस्लिम डिबेट ही कर सकते हैं, मुद्दों पर बात नहीं।