मीटू मूवमेंट क्या है?
मीटू यौन उत्पीड़न और यौन हमले के खिलाफ एक आंदोलन है। इस मूवमेंट ने शोषित, पीड़ित, दबी-कुचली जा रही महिलाओं को हौसला दिया।
मीटू मूवमेंट में महिलाएं अपने साथ हो चुके या हो रहे उत्पीड़न को सोशल मीडिया के माध्यम से सांझा कर रही है। साथ ही वे सवाल खड़े कर रही हैं कि क्यों समानता के अधिकार के बावजूद उन्हें ही सब कुछ सहना पड़ता है?
लेकिन शायद गृहमंत्री राजनाथ सिंह के लिए मीटू जैसा संवेदशील आंदोलन ‘राजनीतिक चुटकुला’ है। गृहमंत्री राजनाथ #MeToo का इस्तेमाल अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदियों का मजाक बनाने के लिए कर रहे हैं।
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गृहमंत्री ने तेलंगाना के हैदराबाद में भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा ‘जो भी कांग्रेस के साथ गया उसको मिटने से दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक पाई है। बाद में कहीं ऐसे हालात न हो जाएं, सारी विपक्षी पार्टियां गठबंधन कर लें और बाद में जब कांग्रेस से धोखा खा जाएं तो #MeToo कैंपेन चलाने के लिए मजबूर हो जाए।’
Jo bhi Congress ke saath gaya, usko mitne se duniya ki koi taakat nahi bacha paayi. Baad mein kahin aise haalat na ho jaayein, saari vipakshi partiyan gathbandhan kar lein aur bad mein jab Congress se dhoka kha jaayein,to #MeToo campaign chalane ke liye majboor ho jaayein:R Singh pic.twitter.com/lyY5vN6y3M
— ANI (@ANI) October 27, 2018
राजनाथ सिंह का ये बयान #MeToo को लेकर उनकी सोच को दर्शाता है। ख़ैर, बीजेपी व मोदी सरकार के मंत्रियों से ऐसी ही उम्मीद की जा सकती है।
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बीजेपी नेता और पूर्व विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर पर दर्जनों महिलाओं ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। ऐसे में #MeToo को लेकर बीजेपी की खुन्नस समझी जा सकती है।