भारतीय बैंकों का हज़ारों करोड़ लेकर भागे विजय माल्या ने आज एक बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने ब्रिटिश कोर्ट के बाहर मीडिया से कहा कि वो भारत छोड़ने से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिले थे।

उनके इस बयान के बाद मोदी सरकार और खासकर वित्त मंत्री अरुण जेटली सवालों के घेरे में आ सकते हैं। अब तक केंद्र सरकार पर विजय माल्या को भगाने का आरोप लग रहा था लेकिन ये बयान देकर माल्या ने आरोपों को सच में बदल दिया है।

बता दें, कि विजय माल्या पर भारतीय बैंकों का 9,990 करोड़ रुपिए का कर्ज बकाया है जिसे बिना चुकाए वो भारत छोड़कर इंग्लैंड आ गए थे। आज माल्या लंदन के वेस्टमिंस्टर कोर्ट में पेश हुए थे। कोर्ट में उनकी पेशी प्रत्यर्पण मामले में सुनवाई को लेकर हुई थी।

कोर्ट के बाहर जब मीडिया ने उनसे पूछा कि वो मार्च 2016, में भारत छोड़ने से पहले किस से मिले थे तो माल्या ने जवाब दिया “मैं वित्त मंत्री से मिला था। और मैंने इस बारे में स्तिथि स्पष्ट कर दी थी कि मैं कैसे अपना पैसा निवेश करना चाहता हूँ।”

गौरतलब है कि मार्च 2016, में विजय माल्या भारत छोड़कर भागे थे। उस समय वित्त मंत्री अरुण जेटली ही थे। इस से पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी आरोप लगा चुके हैं कि माल्या भारत छोड़ने से पहले वरिष्ठ भाजपा नेता से मिले थे।

केंद्र सरकार पर इस से पहले भी माल्या की मदद करने के आरोप लग चुके हैं। आरोप है कि केंद्र सरकार सीबीआई का इस्तेमाल कर माल्या के खिलाफ लंदन के कोर्ट में चल रहे मामले को कमज़ोर कर रही है।

जिन धाराओं के अंतर्गत मुकदमा दायर किया गया है और जिस तरह सबूत कोर्ट में पेश किये जा रहे हैं वो मामले को कमज़ोर कर रहे हैं।

बता दें, कि इस से पहले कोर्ट की सुनवाई के दौरान विजय माल्या ने वहां मौजूद सीबीआई डायरेक्ट राकेश अस्थाना से हाथ मिलाया था जिसके बाद सरकार पर आरोपों का दौर फिर से शुरू हो गया था। अब माल्या का ये बयान मोदी सरकार को खतरे में डाल सकता है।

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