बिना व्यवस्था के किया गया लॉकडाउन प्रवासी मज़दूरों पर कहर बनकर टूट रहा है। इस लॉकडाउन के कारण मज़दूरों के सामने रोज़ी – रोटी का संकट खड़ा हो गया। वो भुखमरी से बचने के लिए अपने घरों की ओर पलायन कर रहे हैं। लेकिन ये पलायन उनके लिए घातक साबित हो रहा है। आए दिन पलायन कर रहे मजदूरों की सड़क हादसे में मौत की खबरें आए रही हैं।
ताज़ा मामला उत्तर प्रदेश के औरैया से सामने आया है। यहां एक सड़क हादसे में घर लौट रहे 24 मजदूरों की मौत हो गई, जबकि 35 मज़दूर गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसा शहर कोतवाली क्षेत्र के मिहौली नेशनल हाईवे पर हुआ। बताया जा रहा है कि दिल्ली से अपने घरों को लौट रहे मज़दूरों की एक टोली यहां एक चाय की दुकान पर खड़ी थी। तभी उनके ऊपर एक चूने से लड़ा एक ट्रालर पलट गया। ट्रालर मज़दूरों पर एक ट्रक की टक्कर से पलटा।
औरैया के डीएम अभिषेक सिंह ने बताया कि यह हादसा सुबह तकरीबन साढ़े तीन बजे हुआ। इस हादसे में अब तक 24 लोगों की मौत हुई है। कई लोग घायल हैं। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। गंभीर रूप से घायल 15 मज़दूरों को सैफई पीजीआई रेफर किया गया है। हादसे का शिकार ज्यादातर मजदूर बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के हैं।
हादसे पर कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी ने दुख जताया है। इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अपील की है कि हादसे में मारने वाले मजदूरों के परिजनों को 15-15 लाख की आर्थिक सहायता दी जाए।
उन्होंने फ़ेसबुक के ज़रिए कहा, ”आज की सुबह फिर 24 मज़दूरों की मौत की ख़बर लेकर आई है, राजस्थान से गोरखपुर जा रहे प्रवासी मज़दूर औरय्या में हुए दुर्घटना का शिकार। पता नहीं बेहिस सरकारें और कितने मज़दूरों की क़ुर्बानी चाहती हैं। प्रधानमंत्री जी से अनुरोध की उस बीस लाख करोड में से कम से कम 15 – 15 लाख ही इन मृतक परिवारों को दे दीजिये।”
बता दें कि दो दिन पहले ही मुजफ्फरनगर में एक भीषण सड़क हादसे में 14 मज़दूरों की मौत हो गई थी। इन मज़दूरों को उत्तर प्रदेश परिवहन की बस ने कुचल दिया था। ये मज़दूर पंजाब से बिहार के गोपालगंज पैदल चलकर जा रहे थे।