फोटो साभार- DNA

उत्तर प्रदेश में बेटी से लेकर आम आदमी और पत्रकार तक सुरक्षित नहीं है। ऐसे में योगी सरकार आए दिन ये दावा करती है कि प्रदेश की सुरक्षा चुस्त-दुरुस्त है। ताजा मामला राजधानी दिल्ली से सटे नॉएडा का है। जहां एक पत्रकार को सिर्फ इसलिए जेल में डाल दिया गया क्योंकि उसने चेकिंग के दौरान वीडियो-फोटो शूट कर रहा था।

दअरसल बीते मंगलवार शाम नॉएडा के खेड़ा लेबर चौक के पास पुलिस चेकिंग के दौरान पुलिस और जनता में एक झपड़ हो गई। इस घटना को देखते ही जब पत्रकार ने अपने मोबाइल से वीडियो शूट करना शुरू किया तो पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। पत्रकार को पीटने के बाद पुलिस ने उसे रातभर जेल में ही रखा।

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नॉएडा में एक हिंदी न्यूज़ पोर्टल में काम करने वाले दिनेश बुधवार शाम 7 अपने काम से वापस घर जा रहे थे। ऑटो पकड़कर जब वो खेड़ा लेबर चौक पहुंचे थे वहां उन्होंने देखा कि पुलिस और जनता के बीच झड़प हो रही है।

थाना सेक्टर 58 से आए पुलिसकर्मी कुछ लोगों पर बेरहमी से लाठी डंडे बरसा रहें थे। पत्रकार दिनेश जब इस घटना की वीडियो शूट करने तो पुलिस वालों उससे उसका मोबाइल छीन लिया। इसके बात पिटाई करने के बाद उसे गाड़ी में 4 लोगों के साथ बैठा और फिर जेल में ठूस दिया।

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जब ये मामला तुल पकड़ा तब जाकर पत्रकार का नाम गिरफ्तार हुए लोगों की लिस्ट में हटाकर उसे सूरजपुर से छोड़ दिया गया। ये पहला मामला नहीं है जब पुलिस ने इस तरह से पत्रकार पर एक्शन लिया हो। इससे पहले मिर्ज़ापुर में सरकारी स्कूल में नमक रोटी खा रहें बच्चों का वीडियो बनने पर पत्रकार के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर दी गई थी।

वहीं इससे पहले हाल ही नॉएडा में पुलिस झूठी ख़बर लिखने के आरोप में पांच पत्रकारों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट लगातार चार लोगों गिरफ्तार कर लिया था। अब ऐसी स्थिति को अगर योगी सरकार कानून का चुस्त दुरुस्त होना कहती है तो फिर वाकई अगर कानून व्यवस्था चुस्त दुरुस्त होगी तो क्या होगा।

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