हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी (Narendra Modi) चुनाव के पहले जनता के चौकीदार हो जाते हैं और चुनाव बीतते ही लुटेरों के सरदार हो जाते हैं। कायदे से पूछिए तो न्यू इंडिया में चोरी का नाम ‘चौकीदारी’ हो गया है।

एसबीआई ने चुपके से 220 धनपशुओं का 76000 करोड़ रुपये माफ कर दिया। ये जो सौ-पचास अमीर हैं, इन्हीं के विकास का मतलब विकास है। इसलिए सरकार अपनी पूरी क्षमता से इन्हीं की सेवा करती है। इन्हीं को कर्ज देती है। इन्हीं को पोषती है, इन्हीं पर खजाना लुटाती है।

इन्होंने सरकार से कर्ज लिया फिर देने से इनकार कर दिया। सरकार कहती है कि यही 200 लोग देश हैं और देश को बचाना है। सरकार इनका कर्ज माफ कर देती है।

मोदी ने अमीरों का 76,000,00,00,000 माफ कर दिया, आप बैठकर गिनिए कि इसमें कितने ‘जीरो’ होंगे

इस साल मार्च में एसबीआई (State Bank of India) ने 220 लोगों का 76000 करोड़ माफ किया। पंजाब नेशनल बैंक ने 94 अमीरों का 27,024 करोड़ का कर्ज माफ किया. 2018 में भी कुछ अमीरों का 71,000 करोड़ रुपये माफ किया गया.

दिसंबर, 2018 में आरबीआई (Reserve Bank of India) ने बताया था कि तीन सालों में कॉरपोरेट का 2.4 लाख करोड़ माफ किया गया. सरकार ने राज्यसभा में बताया था कि तीन सालों में 2,41,911 करोड़ रुपये का कॉरपोरेट कर्ज माफ कर दिया गया.

सिर्फ वित्त वर्ष 2017-18 के बीच ही 1,44,093 करोड़ रुपये माफ किया गया. 2016-17 में 89,048 करोड़ माफ किया गया था.

जो इस देश का खजाना लूट ले, वह चाहे यहां रहे चाहे विदेश भाग जाए, सरकार पूरी मुस्तैदी से उसकी चौकीदारी करती है। यहां तक कि जनता का टैक्स का पैसा तो सरकार लेती ही है, जनता की कमाई को भी बैंक से जब्त कर रही है। पीएमसी बैंक इसका उदाहरण है।

बता दे कि एक आरटीआई में ये जानकारी मिली है कि बैंक ने अपने लोन को 100 करोड़ से अधिक और 500 करोड़ से अधिक कैटेगरी के दो ग्रुप में बांटा है। अब जो 220 कर्जदार अपना कर्जा नहीं  चुका पा रहें है। उन्हें इसी क्रम में बैंक की ओर से 100 करोड़ से अधिक लोन लेने वालों का कुल 2.75 लाख करोड़ रुपये का लोन राइट ऑफ यानी माफ़ कर दिया गया।

( ये लेख कृष्णकांत की फेसबुक वॉल से साभार लिया गया है )

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here