महंगाई को मुद्दा बनाकर सत्ता में आई केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) महंगाई पर काबू पाने में पूरी तरह से नाकाम हो गई है। तेल के दामों में लगातार हो रही बढ़ौतरी के बाद अब सब्ज़ियों के दाम आसमान छूते नज़र आ रहे हैं। दिवाली से ठीक पहले दिल्ली-एनसीआर में सब्जियों के बढ़ते दाम ने आम जनता की कमर तोड़ दी है।

मौजूदा वक्त में लहुसन और अदरक के दाम जनता को रुला रहे हैं। रिटेल में लहसुन 300 रुपए और अदरक 120 रुपए किलो तक बिक रहा है। लहुसन विक्रेताओं का कहना है कि साल 2010 के बाद लहसुन और अदरक पहली बार इतना महंगा हुआ है। इसके साथ ही धनिया और पुदीना के दाम भी 300 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गए हैं।

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व्यापारियों का कहना है कि मंडी में इनकी फसल कम आ रही है और दाम बढ़ने से माल भी कम बिक रहा है। विक्रेताओं की मानें तो फिलहाल हालात में सुधार की कोई उम्मीद नहीं है।

वहीं टमाटर (Tomato) और प्याज़ (Onion) के दामों की बात करें तो यहां भी कोई ख़ास राहत मिलती नज़र नहीं आ रही। रिटेल में प्याज़ और टमाटर अब भी 60-70 रुपए प्रति किलो बिक रहा है। जानकारों का कहना है कि टमाटर और प्याज़ की फसल पीछे से ही कमा रही है और बारिश के कारण टमाटर और प्याज की फसलें भी काफी खराब हुई हैं, जिसकी वजह से दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं।

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सब्ज़ियों के बढ़ते दाम को लेकर पत्रकार पंकज झा ने केंद्र की मोदी सरकार (Modi Sarkar) और उसके समर्थकों पर तीखा कटाक्ष किया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “हे भगवान ये क्या सुन रहा हूँ .. नौकरियॉं जा रही हैं.. बैंकों में जमा लोगों के पैसे डूब रहे हैं और अब ये मंहगी सब्ज़ियाँ .. देश के लिए कुछ दिन न खायेंगे तो कोई आफ़त आ जाएगी क्या?” 

बता दें कि 2012-13 में यूपीए 2 के समय जब महंगाई बढ़ी थी तो उस वक्त बीजेपी के कई नेताओं ने सड़क पर उतरकर सरकार के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया था। बीजेपी के कई नेताओं ने सरकार को इसका ज़िम्मेदार ठहराते हुए निकम्मा बता दिया था। अब एक बार फिर से महंगाई आसमान छू रही है, लेकिन बीजेपी का कोई भी नेता इसके लिए सरकार को ज़िम्मेदार नहीं बता रहा।

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