केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बाद अब केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) ने मंदी को लेकर बेतुका बयान दे डाला है। उन्होंने मंदी (Economic Slowdown) की बात को खारिज करने के लिए फिल्मों की कमाई का सहारा लिया है।

मुंबई में शनिवार को पत्रकारों से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि तीन-तीन फिल्में करोड़ों का कारोबार कर रही हैं, तो फिर देश में मंदी कहां है। उन्होंने कहा कि 2 अक्टूबर 3 फिल्मों ने 120 करोड़ रुपये की कमाई की।

रविशंकर प्रसाद बोले- फिल्में एक दिन में 120 करोड़ कमा रही है, तो फिर देश में ‘मंदी’ कहां है

केंद्रीय मंत्री के इस बयान पर वरिष्ठ पत्रकार विनोद कापड़ी ने चुटकी ली है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “सरकार, बाहुबलि के 1500 करोड़ के आँकड़े भी दे देते.. ये कमाई भी आपकी सरकार के दौरान ही हुई थी”। 

इसके अलावा रविशंकर प्रसाद ने बेरोजगारी (Unemployment) पर NSSO की उस रिपोर्ट को भी गलत बताया जिसमें कहा गया है कि बेरोजगारी की दर 45 सालों में सर्वाधिक है।

उन्होंने कहा कि वह रिपोर्ट (बेरोजगारी पर NSSO की रिपोर्ट) झूठी है। मैंने आपको 10 प्रासंगिक डेटा दिए हैं, रिपोर्ट में कोई मौजूद नहीं है। हमने कभी नहीं कहा कि हम सभी को सरकारी नौकरी देंगे। कुछ लोगों ने योजनाबद्ध तरीके से गुमराह करने की कोशिश की।

गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री का ये बयान ऐसे समय में आया है जब चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में विकास दर छह साल के निचले स्तर 5 फीसदी पर पहुंच गई है। इसके अलावा रिजर्व बैंक सहित दुनिया की कई बड़ी रेटिंग एजेंसियों ने भी भारत के लिए विकास दर के अनुमान में कटौती की है।

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इससे पहले केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने भी ऑटो सेक्टर में मंदी को लेकर अजीबो-गरीब बयान दिया था। उन्होंने ऑटो सेक्टर (Auto Sector) में मंदी के लिए कैब सर्विस देने वाली कंपनियां ओला और उबर को ज़िम्मेदार ठहराया था। उन्होंने कहा था कि युवा ओला-उबर का उपयोग बढ़ा रहे हैं और कार खरीदने के लिए किस्त भरने में रुचि नहीं ले रहे हैं। जिसके चलते ऑटो सेक्टर में सुस्ती आई है।

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