कर्नाटक चुनाव से ठीक पहले बीजेपी को तगड़ा झटका लगा है। इसकी वजह है लिंगायत समुदाय का कांग्रेस को समर्थन दे दिया है। लिंगायत समुदाय के 220 मठों ने कांग्रेस को समर्थन देने की घोषणा कर दी है। जिसके चलते लिंगायत समुदाय के 30 प्रभावशाली गुरुओं ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का समर्थन करने की बात कही है।

दरअसल कर्नाटक सिद्धारमैया सरकार ने की लिंगायत को अल्पसंख्यक धर्म का दर्जा देने का फैसला किया है। जिसके तहत अब गेंद मोदी सरकार के पाले में है। कर्नाटक में लिंगायत समुदाय के लोगों की संख्या करीब 18 प्रतिशत है।

वही बीजेपी ने मुख्यमंत्री पद के लिए बीएस येदियुरप्पा भी इसी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। पहले लिंगायत बीजेपी के पक्ष में था, लेकिन मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के अलग धर्म बनाने की मंजूरी देकर बीजेपी के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है।

कांग्रेस को लिंगायत समुदाय का समर्थन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के लिए भी बड़ा झटका माना जा रहा है क्योंकि हाल ही में उन्होंने कर्नाटक के कई मठों में जाकर लिंगायत समुदाय के गुरुओं से मुलाकात की थी।

मगर अब जब कांग्रेस को समर्थन मिल गया है तो अमित शाह की लिंगायत वोट बैंक सीधे सीधे उनके हाथ फिसल गया है।

बता दे कि लिंगायत समुदाय हमेशा से बीजेपी का समर्थन करता आया है। यहां तक की राज्य में 224 विधानसभा सीटों में से 123 पर इस समुदाय का प्रभाव है। चुनाव से ठीक पहले सार्वजनिक तौर पर किसी एक व्यक्ति या राजनीतिक दल को समर्थन देने की घोषणा काफी अहम हो जाता है क्योंकि पिछले कई दशकों में ऐसा नहीं हुआ है। वो भी तब जब राज्य में चुनाव को सिर्फ 1 महीने रह गए हो।

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