गंगा सफाई के मुद्दे 22 जून से अनशन पर बैठे पर्यावरणविद जीडी अग्रवाल का निधन हो चुका है। इस वक़्त उन्हें अब हरिद्वार से दिल्ली लाया जा रहा है, आईआईटी में प्रोफेसर रह चुके जीडी अग्रवाल लम्बे वक़्त से गंगा सफाई की मांग रहें मगर किसी सरकार ने उन्हें गंभीरता नहीं लिया और अनशन पर बैठे रहे। उसपर से उनपर BJP सरकार की पुलिस का अत्याचार भी देखा गया था।

इस मामले पर सामाजिक कार्यकर्ता और कवि कुमार विश्वास ने दुःख ज़ाहिर करते हुए सरकार पर आक्रोश जताया। विश्वास ने सोशल मीडिया पर लिखा- निकम्मे वक़्त और बेशर्म मुद्दों के शोर में एक तपस्वी-साधक की चुपचाप विदाई।

माँ गंगा की क़समें खाने वालों को लिए, आमागी चुनावों में सत्ता तक पहुँचाने वाले कीचड़ से सने मुद्दे ज़्यादा मुफ़ीद है। बेहया नेताओं द्वारा अपहृत,भारतीय राजनीति के सबसे ख़राब दौर ये हमारी बेबसी का घोष है।

बता दें कि जीडी अग्रवाल साल 2012 से गंगा सफाई पर अनशन पर बैठे थे। फिर सरकार की तरफ से अपनी मांगों पर सहमति मिलने के बाद अनशन ख़त्म कर दिया मगर अनशन के दौरान उनकी हालत बिगड़ती चली गई और उन्हें वाराणसी से दिल्ली लाया गया।

नहीं रहे गंगा के असली पुत्र जीडी अग्रवाल, गंगा को बचाने के लिए 111 दिनों से कर रहे थे अनशन

जीडी अग्रवाल दूसरे शख्स है जिन्होंने गंगा सफाई के नाम पर अपनी जान दी उनसे पहले साल 2011 में 115 दिन के अनशन के बाद स्वामी निगमानंद ने भी दम तोड़ दिया था।

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