कर्नाटक में बीजेपी सरकार बना चुकी है। अब मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने अपने मंत्रिमंडल में तीन उप मुख्यमंत्री नियुक्त किए हैं। इनमें लक्ष्मण सावदी, डॉ अश्वत नारायण और दलित नेता गोविंद करजोल को भी डिप्टी सीएम बनाया गया है।

इन तीन नामों में सिर्फ एक नाम की वजह से सियासी गलियारों में हलचल पैदा की है। वो नाम है लक्ष्मण सावदी का जो साल 2012 में विधानसभा में पोर्न देखते हुए पाए गए थे।

अब उन्हें डिप्टी सीएम बनाए जाने पर बीजेपी में ही विरोध शुरू हो गया है। बीजेपी विधायक और सीएम के सहयोगी एमपी रेनुकाचार्य ने लक्ष्मण की नियुक्ति का विरोध किया है। उंनका कहना है कि उन्हें (लक्ष्मण सावदी) चुनाव हारने के बावजूद मंत्री के रूप में शामिल करने की क्या आवश्यकता थी।

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वहीं इस मामले पर लक्ष्मण ने जवाब देते हुए कहा कि मुझे डिप्टी सीएम किसी और ने नहीं बल्कि राज्य और केंद्र के नेताओं ने बनाया है। मैंने पार्टी से कभी कोई पद नहीं पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने मुझे ये पद दिया जो मैं स्वीकार करता हूँ।

ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर बीजेपी किन मजबूरियों के चलते ऐसे नेताओं को डिप्टी सीएम के तौर पर नियुक्त कर रही है? जिसकी छवि पहले से ही ख़राब हो चुकी है, साथ ही वो चुनाव भी हार चुका है।

बता दें कि लक्ष्मण पिछली बार तभी सुर्ख़ियों में आए थे जब साल 2012 में वो विधानसभा में पोर्न देखते हुए पकड़े गए। जब इसकी वीडियो सामने आई थी तो उन्होंने इस मामले पर सफाई देते हुए कहा था कि मैं वीडियो सिर्फ शिक्षा पाने के लिए देख रहा था जिससे मुझे रेव पार्टी के बारे में पता लग सके। हालाकिं इसके बाद जब इस मामले में हंगामा बढ़ा तो लक्ष्मण के साथ साथ सीसी पाटिल और कृष्णा पालेमर को कर्नाटक में मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

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