भारत की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुती सुजुकी (Maruti Suzuki) में जुलाई महीने में रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की गई है। इस भारी गिरावट की वजह से मारुती कर्मचारियों की छटनी भी कर सकता है। जुलाई महीने में रिकॉर्ड 35.1 फीसदी की गिरावट के साथ घरेलु बाजार में कारों की बिक्री 100,006 यूनिट्स रही। जबकि इसी महीने में बीते वर्ष कंपनी की बिक्री का आकड़ा 154,150 यूनिट्स रहा था।
अप्रैल से जुलाई महीने में मारुती की बिक्री 474,487 यूनिट्स की रही है, जोकि बीते वर्ष सामान अवधि में 617,990 यूनिट्स रही थी। इस हिसाब से ये 23.2 फीसदी की गिरावट है। यही नहीं मारुती की सभी सेग्मेंट्स में गिरावट दर्ज की गई है। कंपनी की Dzire, Celerio, Swift, WagonrR, Baleno और Ignis की बिक्री में 22.7 फीसदी की गिरावट आई है। ये कंपनी और नौकरीपेशा दोनों के लिए चिंता का विषय है। वहीं यूवी सेगमेंट में Vitara Brezza, Ertiga और S-Cross की बिक्री में भी 38.1 फीसदी की भारी गिरावट आई है।
मोदीराज 2 : ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री पहुंची बर्बादी के कगार पर, छिन सकता है 10 लाख लोगों का रोजगार
इससे पहले बजाज ऑटो में महिल राहुल बजाज ने मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा था कि, “ऑटो सेक्टर बहुत मुश्किल दौर से गुजर रहा है। कार, कमर्शियल व्हीकल्स और टूव्हीलर्स सेग्मेंट की हालत ठीक नहीं है। कोई मांग नहीं है और कोई निजी निवेश भी नहीं है, तो ऐसे में विकास कहां से आएगा? क्या विकास स्वर्ग से गिरेगा?”
ऑटो सेक्टर पिछले आठ महीने से बुरे दौर से गुजर रहा है है। आकड़ों के मुताबिक कारों (ओवरऑल) की घरेलु बिक्री में 24.97 की गिरावट आई है। इसके लिए ऑटो इंडस्ट्री ने सरकार से इस गिरावट और नौकरियों को सुरक्षित करने के लिए मांग की है।
जबकि ऑटो मार्केट में अभी एक साल से गिरावट में ज्यादा तेजी आई है। इसी के चलते इस सेक्टर में 10 लाख नौकरियां जाने का खतरा मंडरा रहा है। इसकी वजह ये है कि सरकार की वभिन्न आर्थिक नीतियां कंपनियों को परेशान कर रही हैं।