ऑनलाइन फूड सर्विस वेबसाइट ज़ोमैटो (Zomato) के मुस्लिम डिलिवरी बॉय से खाना लेने से इनकार करने वाले अमित शुक्ला नाम के शख़्स की देशभर में जमकर आलोचना हो रही है। सोशल मीडिया पर लोग अमित शुक्ला की इस हरकत को भारत की संस्कृति के ख़िलाफ़ बता रहे हैं।

अंजुमन मिन्हाजे रसूल के चेयरमैन मौलाना अतहर हुसैन देहलवी ने भी अमित शुक्ला की इस हरकत पर आपत्ति जताते हुए करारा जवाब दिया है। उन्होंने ट्विटर के ज़रिए कहा, “जब से रमज़ान रोज़ा रखना शुरू किया है तब से इफ़्तार के वक़्त पनीर पकोड़े और मावा जलेबी दुर्गा स्वीट भंडार की ही खाता हूँ पुरानी दिल्ली की मुस्लिम बहुल आबादी में 99% हलवाई हिंदू हैं पर इनके बनाए खानों मिठाइयों से मेरा इस्लाम कभी ख़तरे में नहीं पड़ा”

दरअसल जबलपुर के रहने वाले अमित शुक्ला नाम के एक ग्राहक ने Zomato से खाना ऑर्डर किया था। शुक्ला को जब खाना पहुंचाने एक मुस्लिम डिलीवरी ब्वॉय पहुंचा, तो उसने खाना लेने से इनकार करते हुए जोमैटो से दूसरा डिलिवरी ब्वॉय भेजने के लिए कहा। इसपर कंपनी ने भोजन पहुंचाने वाले डिलीवरी ब्वॉय के धर्म को लेकर ग्राहक की शिकायत मानने से इनकार कर दिया।

इसके बाद शुक्ला ने ट्वीट कर कहा, “मैंने अभी-अभी Zomato से एक ऑर्डर कैंसिल किया है, क्योंकि उन्होंने मेरा खाना एक गैर-हिन्दू व्यक्ति के हाथों से भेजा। शिकायत करने पर उन्होंने कहा कि वे उसे न तो बदल सकते हैं और न ही ऑर्डर रद्द कर पैसा वापस कर सकते हैं। मैंने कहा कि मुझे खाना लेने के लिए आप बाध्य नहीं कर सकते। मुझे पैसे वापस नहीं चाहिए, बस मेरा ऑर्डर रद्द करो।”

मुस्लिम से खाना लेने से मना करने वाले को Zomato का जवाब- भोजन का धर्म नहीं होता,ये खुद एक धर्म है

शुक्ला ने कस्टमर केयर से बातचीत का स्क्रीनशॉट लगाते हुए कहा कि वह इस बारे में अपने वकील से सलाह लेगा। शुक्ला के इस ट्वीट का ज़ोमैटो ने शानदार जवाब दिया। जोमैटो ने ट्वीट कर कहा, “खाने का कोई धर्म नहीं होता है। खाना खुद में ही एक धर्म है।” जोमैटो अपने रुख पर टिकी रही और डिलिवरी ब्वॉय को बदलने से मना कर दिया।

इसके बाद जोमैटो के संस्थापक दीपेंद्र गोयल ने भी ग्राहक की शिकायत पर कड़ी टिप्पणी करते हुए ट्वीट किया, “कंपनी को भारत के विचार, अपने भागीदारों और शानदार उपभोक्ताओं की विविधता पर गर्व है। अपने इन्हीं मूल्यों के कारण अगर हमारे कारोबार को कुछ नुकसान भी होता है तो हमें इस बात का कोई अफसोस नहीं है।” गोयल ने देश के बुनियादी सिद्धांतों और मूल्यों पर टिके रहने के लिए कंपनी की टीम की सराहना भी की।

3 COMMENTS

  1. तुम खाने कि बात करते हो शुक्ला साहब मैंने तो कितने हिन्दू भाई को अपना खून डोनेट किया है…… तो क्या उसे भी निकाल दिया जाये… उपर वाला तो सिर्फ इन्शान पैदा kiya था…. हिन्दू मुस्लिम के नाम पर लोगो को बाटना छोड़ दो साहब…

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