पेट्रोल-डीजल की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। हाईकोर्ट ने भी इस मामले में बोलने से इंकार कर दिया है। मगर गोदी मीडिया मोदी सरकार का बचाव करने में लगा हुआ है। ऐसा इसलिए क्योंकि तेल की बढ़ती कीमतों पर विपक्ष ने भारत बंद बुलाया!

इसके बाद जी न्यूज़ के एंकर और खुद को पत्रकार कहने वाले सुधीर चौधरी ने जो कहा वो अपने आप में इतिहास है।

दरअसल हर रोज रात के नौ बजे जी न्यूज़ पर सुधीर चौधरी सरकार का बचाव करने उतर आते है। चाहे वो तेल की बढ़ती कीमतें हों या फिर बेरोजगारी पर पकौड़े की दुकान खुलवाने की प्रधानमंत्री मोदी की सलाह। हर चीज़ को बड़े ही आसान शब्दों में गुमराह करने का हुनर डीएनए के प्राइम टाइम एंकर के पास है।

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सुधीर चौधरी ने पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों पर जनता को समझाने की कोशिश की। बताया कैसे साल 2014 में जो चीजें महंगी थी वो अब सस्ती हो गई हैं। रामराज्य का माहौल है, जनता सुखी जीवन जी रही है, पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ने से उन्हें फर्क नहीं पड़ता।

उन्होंने ऐसे समझाया जैसे मानो देश का हर नागरिक छोटा बच्चा हो

ज़ी के एंकर ने समझाया कि कैसे साल 2014 में एक जीबी डेटा 270 रु का था और अब यानी साल 2018 में मात्र 19 रु का हो गया है। मगर ये बताना भूल गए कि सवा सौ करोड़ की आबादी वाले इस देश में कितने लोग है इन्टरनेट का प्रयोग कर रहे है।

हालाकिं उन्हीं की वेबसाइट के मुताबिक अमेरिका की बहुराष्ट्रीय कंपनी ‘गूगल’ के अनुसार भारत में 35 करोड़ लोग इंटरनेट का उपयोग करते हैं। इनमें से 15।20 करोड़ लोग इंटरनेट के लिये मोबाइल का उपयोग करते हैं। यानी की करीब 30 फीसद लोग ही इन्टरनेट का इस्तेमाल करते है जिनमें एक मोबाइल का डेटा प्रयोग करने वाले 12 फीसद है।

सुधीर चौधरी को ये ज़रूर बताना चाहिए की आखिर बाकी की जनता जिनपर तेल की बढ़ती कीमतों का असर पड़ता ही पड़ता है उनका क्या? क्या तेल के बढ़ते दाम की भरपाई मोबाइल डेटा से पूरी हो रही है और अगर हो रही है तो मोदी सरकार इस मामले पर के बयान जारी कर बताना चाहिए की मोबाइल से डेटा से पेट भरेगा और फेक न्यूज़ का प्रचार करने से जीवन।

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