प्रधानमंत्री मोदी पूरे देश में स्वच्छ भारत का नारा दे रहे हैं। अपने जन्मदिन पर भी उन्होंने झाड़ू लगाकर सफाई का सन्देश दिया।

लेकिन भारत को साफ़ करने का दावा करने वाले पीएम मोदी का अपना गृह राज्य स्वच्छ नहीं है। ये बात हाल ही में सामने आई नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट कह रही है।

कैग ने कहा कि गुजरात को ‘खुले में शौच मुक्त’ घोषित करने का सरकार का दावा गलत प्रतीत होता है क्योंकि कई ग्रामीणों के घरों में अब भी शौचालय नहीं बने हैं।

राज्य विधानसभा में बुधवार को पेश की गई कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि आठ जिलों में किए गए सर्वेक्षण में करीब 30 फीसदी घरों में शौचालय नहीं पाए गए।

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गौरतलब है कि केन्द्र सरकार ने बीते साल 2 अक्टूबर को लोकसभा में जानकारी देते हुए बताया था कि देश के 11 राज्य, जिसमें गुजरात भी शामिल है, स्वच्छ भारत मिशन के तहत खुले में शौच से मुक्त हो चुके हैं। लेकिन कैग रिपोर्ट सरकार के दावे को झूठा बताती है।

कैग की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘राज्य सरकार ने दो अक्टूबर 2017 तक गुजरात के सभी जिलों को खुले में शौच मुक्त घोषित कर दिया। हालांकि 2014-17 की अवधि के दौरान आठ जिला पंचायतों के तहत 120 ग्राम पंचायतों की जांच में खुलासा हुआ कि 30 फीसदी घरों में अब भी शौचालय नहीं हैं।

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कैग ने गुजरात के बनासकांठा, दाहोद, डंग, छोटा उदेपुर, पाटन, जामनगर, जूनागढ़ और वलसाड जिलों में सर्वे के बाद यह रिपोर्ट बनायी है। कैग ने कहा कि गुजरात सरकार ने मार्च में घोषित कर दिया था कि राज्य के सभी जिले खुले में शौच से मुक्त हो गए हैं। हालांकि अभी भी कई घरों में शौचालयों का निर्माण नहीं हुआ है।

इसके साथ ही कैग ने इस बात का भी उल्लेख किया कि काफी लोग शौचालय होते हुए भी उनका इस्तेमाल नहीं कर पा रहे है। कैग ने इसके लिए पानी उपलब्ध ना होना और शौचालयों में गंदगी जैसे कारण गिनाए हैं।

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