मोदी सरकार जिस तरह से नागरिकों पर निगरानी बढ़ा रही है उससे लग रहा है कि लोकतंत्र खतरे में है। अब सरकार आपके ऊपर आपके घर में भी नज़र रखने वाली है। वो ये भी जानना चाहती है कि आप क्या देखते हैं और कितनी देर देखते हैं।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने ट्राई को इसी सम्बन्ध में एक प्रस्ताव भेजा है। इसके मुताबिक, टीवी में लगने वाले नए सेट-टॉप बॉक्स में एक चिप लगाई जाएगी। जिससे की टीवी दर्शकों की सही संख्या और वो क्या देखते हैं इसका पता लग सकेगा।
सरकार का कहना है कि ये कंपनियों की सुवुधा के लिए लगाई जा रही है और इससे दर्शकों को भी फायदा होगा। अभी तक टीवी के दर्शकों के जो आंकड़े सरकार को मिलते हैं वो बीआरसी (ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल) के जरिए पहुंचते हैं, लेकिन माना जा रहा है कि ये डाटा दुरुस्त नहीं होता।
विज्ञापनदाताओं और डायरेक्टरेट ऑफ एडवरटाइजिंग एंड विजुअल पब्लिसिटी को टीवी दर्शकों की सही संख्या का पता नहीं लग पाता, जिससे वो हमेशा असमंजस की स्थिति में होते हैं। चिप लगने के बाद ये पता लगाना आसान रहेगा कि दर्शक ने कौन सा चैनल कब देखा और कितनी देर देखा। इससे विज्ञापनदाता अपने फायदे के हिसाब से फैसला ले सकेगा।
लेकिन इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि सरकार अपने फायदे के लिए लोगों पर इससे नज़र रख सकती है। एक तरफ सरकार आधार को सभी चीज़ों को जोड़ रही है और अब वो जनता के टीवी पर भी नज़र रखना चाहती है। इस तरह का माहौल किसी लोकतंत्र का नहीं बल्कि राजसत्ता का लगता है। जहाँ सरकार जनता पूरी तरह नियंत्रित रखना चाहती है।