भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक और मशहूर अर्थशास्त्री अभिजीत बनर्जी (Abhijit Banerjee) को इकोनॉमिक्स के नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize) से नवाज़ा जाएगा। इस बात की घोषणा रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ़ साइंस (नोबेल कमेटी) द्वारा सोमवार को की गई।

अभिजीत बनर्जी की मां निर्मला बनर्जी ने इसपर खुशी ज़ाहिर करने के साथ ही केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (Modi Government) पर ज़ोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार किसी की बात नहीं सुन रही और आगे भी नहीं सुनेगी। ये स्थिति बेहद चिंताजनक है।

ग़ौरतलब है कि अभिजीत बनर्जी वही शख़्स हैं जिन्होंने नोटबंदी (Demonetization) लागू किए जाने के वक्त केंद्र की मोदी सरकार को आगाह किया था। उनका कहना था कि नोटबंदी से देश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित होगी। उन्होंने आगाह करते हुए कहा था कि शुरू में नोटबंदी से जितने नुकसान का आकलन किया जा रहा था वास्तव में उससे कहीं ज्यादा नुकसान होगा।

JNU के छात्र रहे अभिजीत बनर्जी को मिला अर्थशास्त्र का नोबेल पुरस्कार, नोटबंदी का किया था विरोध

इसके साथ ही उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा था कि नोटबंदी से सबसे ज्यादा नुकसान असंगठित क्षेत्र को होगा। जहां पर 85% या उससे ज्यादा लोगों को रोज़गार मिला हुआ है। लेकिन सरकार ने उनकी बात नहीं सुनी और देश ने नोटबंदी के दुष्परिणाम देखे।

अभिजीत बनर्जी ने 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को घोषणापत्र में न्यूनतम आय योजना को शामिल करने की भी सलाह दी थी। नोबेल कमिटी ने इकोनॉमिक्स के नोबेल पुरस्कार के लिए अभिजीत के साथ एस्थर डफलो और माइकल क्रेमर को भी चुना है। इन तीनों को 10 दिसंबर के दिन सम्मानित किया जाएगा।

निर्मला बनर्जी ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा कि वह बेटे-बहू की सफलता से बेहद ख़ुश हैं। उन्होंने कहा, “आज वह केवल मेरा ही बेटा नहीं बल्कि पूरे देश का बेटा है।”

बता दें कि रवींद्रनाथ टैगोर और अमर्त्य सेन के बाद नोबेल जीतने वाले अभिजीत बनर्जी तीसरे बंगाली हैं और अर्थशास्त्र में नोबेल जीतने वाले सेन के बाद वह दूसरे हैं। ख़ास बात ये है कि अभिजीत बनर्जी की तरह ही अमर्त्य सेन भी मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना करते रहे हैं।

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