‘अर्थव्यवस्था लड़खड़ा रही थी और सरकार और उनकी पालतू मीडिया ने आपको कश्मीर, पाकिस्तान, हिंदू- मुसलमान , राष्ट्रवाद, आतंकवाद के जाल में फँसाए रखा। अब जब आपकी मेहनत, कमाई, जमा पूँजी पर संकट आ गया है तो यह आपको बेवक़ूफ़ बनाने का नया साधन धूँड लेंगे, बनते रहिए।’ ऐसा कहना है कांग्रेस प्रवक्ता पंखुड़ी पाठक का जिन्होंने GDP में गिरावट पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
पंखुड़ी पाठक ने तंज कसते हुए अपने दूसरे में ट्वीट में लिखा कि इसी अच्छे दिन का इंतज़ार था ?
देश के सामने भयंकर आर्थिक संकट – GDP विकास दर गिर कर पहुँचा 5% !
इसी #अच्छे_दिन का इंतज़ार था ?
— Pankhuri Pathak پنکھڑی (@pankhuripathak) August 30, 2019
दरअसल चालू वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में देश की जीडीपी ग्रोथ रेट गिरकर महज 5 फीसदी रह गई है। इससे पहले मार्च तिमाही में जीडीपी 5.80 फीसदी रही थी। जबकि पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही विकास दर 8 फीसदी दर्ज की गई थी। मौजूदा जीडीपी बीते 25 तिमाहियों मतलब कि पिछले 6 साल से अधिक वक़्त में ये सबसे कम जीडीपी ग्राथ रेट है।
वहीं अगर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में गिरावट और एग्रीकल्चर सेक्टर में सुस्ती ने देश की जीडीपी ग्रोथ को जोरदार झटका दिया है। इससे पहले, 2012-13 की अप्रैल-जून तिमाही में देश की जीडीपी ग्रोथ रेट 4.9 फीसदी के निचले स्तर दर्ज की गई थी।
5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था की खुली पोल! भारत की GDP ग्रोथ रेट 5.8% से घटकर 5% हुई
गौरतलब हो कि रिजर्व बैंक ने जून महीने की अपनी नीतिगत समीक्षा में वित्त वर्ष 2019-20 के जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 7 फीसदी से घटाकर 6.9 फीसदी कर दिया था। आरबीआई ने कहा था कि ग्रोथ को रफ्तार देने के लिए डिमांड को बूस्ट देना जरूरी है।
बता दें कि भारत की विकास दर, यानी की GDP ग्रोथ 8% से गिरकर 5% हो गयी है। अप्रैल-जून 2019 के लिए भारत की GDP ग्रोथ 5% हो गयी है जबकि यही ग्रोथ पिछले साल इसी अवधि के लिए 8% थी। इन आंकड़ों को केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) ने जारी किया है। पिछले 25 तिमाहियों में ये भारत की सबसे कम ग्रोथ है।