भीमा कोरेगांव मामले में सामाजिक कार्यकर्ताओं की गिरफ़्तारी को लेकर अब महाराष्ट्र पुलिस खुद ही सवालों की घेरे में आ रही है। हिंसा मामले में महाराष्ट्र पुलिस के एडीजी परमवीर सिंह के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट में न्यायालय की अवमानना का आरोप लगाते हुए याचिका दायर की गई है।

याचिका में कहा गया है कि एडीजी ने न्यायालय की अवमानना की और प्रेस कॉन्फ्रेंस में भीमा-कोरेगांव मामले से जुड़े सबूत दिखाकर मैजिस्ट्रेट की आज्ञा का उल्लंघन किया है। इस मामले में हाई कोर्ट में 7 सितंबर को सुनवाई होनी है।

बता दें, कि पुणे पुलिस ने नक्सलियों से जुड़े होने के आरोप में पांच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था। गिरफ़्तारी के बाद महाराष्ट्र पुलिस एडीजी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मीडिया के सामने कुछ दस्तावेज दिखाए थे, जिसे लेकर उनके खिलाफ यह याचिका दायर की गई है।

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नक्सलियों से कथित संबंधों को लेकर 5 मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी पर महाराष्ट्र पुलिस की ओर से की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने भी सवाल उठाए थे। हाई कोर्ट ने सख्त आपत्ति दर्ज करते हुए पूछा था कि पुलिस उन दस्तावेजों को मीडिया के सामने कैसे पढ़ सकती है, जो इस केस में बतौर सबूत इस्तेमाल हो सकते हैं।

पीएम मोदी की हत्या की साजिश और भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसा के आरोप में पांच सामाजिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने सुधा भरद्वाज वरवरा राव, अरुण फरेरा, गौतम नवलखा और वरुण गोन्सालविस को गिरफ्तार किया है।

वर्ष 1818 में हुई भीमा कोरेगांव की लड़ाई के 200 साल पूरे होने के कार्यक्रम में हिंसा हुई थी। दलितों को इस हिंसा का शिकार बनाया गया था।

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जांच में हिंदुत्ववादी नेता मनोहर उर्फ़ संभाजी भिड़े और मिलिंद एकबोटे को इस हिंसा का मुख्य आरोपी बताया जा रहा था, लेकिन जून में पुलिस ने दावा किया कि 1 जनवरी को हुई इस हिंसा के पीछे ‘नक्सल और उनसे हमदर्दी’ रखने वाले शामिल हैं।

गौरतलब है कि संभाजी भिड़े प्रधानमंत्री मोदी के करीबी माने जाते हैं खुद पीएम मोदी उन्हें अपना गुरु बता चुके हैं।

महाराष्ट्र पुलिस ने जनवरी में हुई हिंसा के मामले में तीन अलग-अलग शहरों से 3 दलित कार्यकर्ताओं, एक प्रोफेसर और एक सामाजिक कार्यकर्ता को भी गिरफ्तार किया था।

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अब फिर से मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करने पर महाराष्ट्र और केंद्र सरकार की आलोचना हो रही है। ये आरोप लगाया जा रहा है कि इस मामले के बहाने इन लोगों को निशाना बनाया जा रहा है।

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