कृष्णकांत

BJP जो भी करती है, मीडिया के लिए वह मास्टरस्ट्रोक हो जाता है. राफेल (Rafale) का नीबू और नारियल भी मास्टरस्ट्रोक हो गया. कांग्रेस (Congress) ने नीबू कांड को तमाशा कहा तो आज टीवी वाले बहस करवा रहे हैं कि नीबू पर कांग्रेस को मिर्ची क्यों लगी?

क्या आपने राफेल खरीद में उठे गंभीर सवालों पर कोई बहस सुनी? कुछ गंभीर किस्म के सवाल थे, उनके जवाब जनता को नहीं दिए गए, अंतत: आपके हिस्से में नीबू मिर्ची छाप बहस आई है.

बीजेपी चुनाव जीत कर मस्त हो गई, विपक्ष चुनाव हारकर पस्त हो गया और जनता नीबू मिर्ची में व्यस्त हो गई? लेकिन जिस राफेल में जनता का पैसा लगा है, क्या उस जनता को इन सवालों के जवाब मिले-

1. वायुसेना (AirForce) से 126 विमान मांगे तो सरकार ने 36 का समझौता क्यों किया गया? कम विमान खरीदने का तर्क क्या है?

2.समझौते के पहले डसो एविएशन के सीईओ ने एचएएल के साथ मिलकर बयान दिया कि हम एचएएल (HAL) के साथ खुश हैं और वर्कशेयर एग्रीमेंट साइन कर दिया है. फिर एचएएल की अक्षमता की बात कैसे उठी?

3. 78 साल पुरानी भारतीय रक्षा कंपनी एचएएच को राफेल डील से बाहर क्यों किया गया? लगभग 51 विमान बना चुकी भारतीय नवरत्न कंपनी को बदनाम करने का अभियान क्यों चलाया गया? क्या इसरो की तरह एचएएल पर गर्व नहीं किया जा सकता?

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4. भारत सरकार ने पहले से निर्धारित गाइडलाइन का पालन क्यों नहीं किया? एचएएल की जगह दिवालिया अनिल अंबानी (Anil Ambani) को कॉन्ट्रैक्ट क्यों दिया गया? कोई विदेशी कंपनी बिना भारतीय रक्षा मंत्री की मंजूरी के किसी प्राइवेट कंपनी को आफसेट कॉन्ट्रैक्ट नहीं दे सकती. फिर भारत सरकार यह कैसे कह सकती है कि अंबानी के कॉन्ट्रैक्ट से हमारा कोई लेना देना नहीं है?

5. समझौते के एक दिन पहले तक एचएएल की चर्चा थी, फिर रिलायंस (Reliance) का प्रवेश कैसे हुआ? रिलायंस को 30 हजार करोड़ का फायदा पहुंचाने के पीछे का असल खेल क्या क्या है?

6. भूषण का कहना है कि अंबानी को दिया गया कॉन्ट्रैक्ट कोई आफसेट कॉन्ट्रैक्ट नहीं है. यह एक तरह से उनको दलाली दी गई है. सरकार ने इसका संतोषजनक जवाब क्यों नहीं दिया?

7. प्रति विमान का दाम करीब एक हजार करोड़ अधिक कैसे पहुंच गया?

8. जब आरोप लगे तो रक्षामंत्री चुप थे और वित्त मंत्री अरुण जेटली मुखर. अगर सबकुछ ठीक है तो खुद रक्षामंत्री ने खुद सारी बातें सामने क्यों नहीं रखीं?

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9. जब फ्रांस ने कहा कि विमान की कीमत पर कोई गोपनीयता नहीं है तो भारत सरकार ने गोपनीयता का ​बहाना क्यों बनाया?

10. हिंदुस्तान के सभी विभागों ने मिलकर जो सौदा तय किया था, उसे अचानक किसकी अनुमति से बदला गया?

राफेल अब भारत आ गया है. अब तो जवाब दे दो सरकार!

( ये लेख कृष्णकांत की फेसबुक वॉल से साभार लिया गया है )

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