उत्तर प्रदेश पुलिस ने जिम ट्रेनर को कथित मुठभेड़ में गोली मार दी थी। इसके बाद हुआ ये कि ट्रेनर जितेन्द्र यादव बच तो गए मगर वो पूरी तरह से अपाहिज हो गए। मगर गोली मारने वाले दरोगा विजय दर्शन को डेढ़ साल बाद दोषमुक्त करार दे दिया गया है। सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि गवाह और सुबूतों के आभाव के चलते दरोगा को बरी किया जाता है।
दरअसल साल 2018 में 3 फरवरी की रात में नोएडा के सेक्टर 122 के पास जितेन्द्र यादव अपनी बहन की सगाई से लौट रहे तभी उनकी गाड़ी को पुलिस ने ओवरटेक किया, और जितेन्द्र पर फायर कर दिया था। परिवार वालों ने कहा यूपी पुलिस ने एक फेक एनकाउंटर में उसे गोली मारी है, परिवार काकहना है कि उसे उसकी जाति की वजह से गोली मारी गई।
अब इस मामले में कोर्ट का फैसला आ गया है जस्टिस इंद्रप्रीत सिंह ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि इस मामले में ऐसा कोई सुबूत नहीं मिला जिससे दरोगा पर दोष सिद्ध किया जा सकते।
कोर्ट के फैसले के बाद दरोगा विजय दर्शन जेल से बाहर आने के बाद कहा कि मेरा कोई दोष नहीं है। अगर मैंने एनकाउंटर किया होता तो घायल को अस्पताल लेकर खुद क्यों जाता।
बता दें कि तब इस मामले पर जमकर सियासी घमासान मचा था।
इस मामले पर टिप्पणी करते हुए मानवाधिकार आयोग ने कहा था कि ऐसा लगता है कि यूपी पुलिस निरंकुश हो गई है और ताक़तों का ग़लत इस्तेमाल कर रही है। अफसरों से मिली छूट का लोगों से व्यक्तिगत दुश्मनी निकालने में इस्तेमाल हो रहा है।