अमृतसर में रावण दहन के दौरान हुए रेल हादसे के बाद सियासी बयानबाज़ियों का दौर शुरू हो गया है। बीजेपी हादसे के लिए कांग्रेस को ज़िम्मेदार ठहरा रही है। बीजेपी का कहना है कि अगर कैप्टन अमरिंदर के नेतृत्व वाली पुलिस मुस्तैद होती तो यह हादसा नहीं होता।
यह हादसा अमृतसर और मनावला के बीच फाटक नंबर 27 के पास हुआ है। हादसा जिस वक्त हुआ, उस वक्त वहां रावण दहन देखने के लिए लोगों की भीड़ जुटी हुई थी।
इसी दौरान डीएमयू ट्रेन नंबर 74943 वहां से गुज़र रही थी। रावण दहन के वक्त पटाखों की तेज़ आवाज़ के कारण ट्रेन का हॉर्न लोगों को नहीं सुनाई पड़ा। इसकी वजह से यह हादसा हो गया।
बीजेपी के सहयोगी अकाली दल नेता हरसिमरत कौर बादल ने भी घटना के लिए राज्य की कांग्रेस सरकार को पूरी तरह से जिम्मेदारी ठहराया।
अगर गोरखपुर का नाम बदल दिया जाये तो क्या अस्पतालों में बच्चों को ‘ऑक्सीजन’ मिल जायेगा?
उन्होंन ट्वीट किया है, ‘अमृतसर रेल हादसे में गईं मासूम जानों का दुख प्रकट करने के लिए शब्द नहीं हैं। अपनों को खोने वाले परिवारों के साथ मेरी गहरी संवेदना है। घटना की जांच होनी चाहिए क्योंकि इससे प्रशासन पर गंभीर सवाल उठता है।’
इसके साथ ही शिरोमणि अकाली दल के नेता बीएस मजीठिया ने कहा कि वहां मौजूद लोगों और जिन्होंने अपनों को खोया, उन लोगों ने नवजोत कौर सिद्धू और इलाके के पार्षद के खिलाफ शिकायत की। उन लोगों को लगता है कि अगर एहतियात बरते गए होते तो घटना नहीं होती।
बीजेपी के इन आरोपों के बाद अब सवाल यह उठ रहे हैं कि अगर इस हादसे के लिए कांग्रेस और नवजोत सिंह सिद्धू ज़िम्मेदार हैं तो फिर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के क्षेत्र गोरखपुर में हुई बच्चों की मौत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में पुल के गिरने से हुई मौतों के लिए ज़िम्मेदार कौन है?
मुग़लसराय दीनदयाल बन गया और इलाहाबाद प्रयागराज, लेकिन वाराणसी कब ‘क्योटो’ बनेगा मोदीजी?
कांग्रेस नेता शिल्पी सिंह ने ट्वीट कर लिखा, “पंजाब हादसा सिद्धू के क्षेत्र में हुआ तो सिद्धू जिम्मेदार! गोरखपुर में आक्सीजन न मिलने से सैकड़ों बच्चे मरे बनारस में पुल गिरने से सैकड़ों लोग मर गये उनकी मौत की जिम्मेदारी किसकी है”।
पंजाब हादसा सिद्धू के क्षेत्र में हुआ तो सिद्धू जिम्मेदार
गोरखपुर में आक्सीजन न मिलने से सैकड़ों बच्चे मरे बनारस में पुल गिरने से सैकड़ों लोग मर गये उनकी मौत की जिम्मेदारी किसकी है।— Shilpi Singh (@ShilpiSinghINC) October 20, 2018
बता दें कि पिछले साल अगस्त में गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज के इंसेफेलाइटिस वार्ड में ऑक्सीजन की कमी की वजह से 60 बच्चों ने दम तोड़ दिया था।
वहीं इसी साल मई में वाराणसी में निर्माणाधीन पुल की बीम गिरने से तकरीबन 18 लोगों की मौत हो गई थी।